गुरु वंदना

गुरु वंदना गुरुजनों के ज्ञान को , तू देना सदा सम्मान । दुख संताप वे हर लेगें , ऐसे वे इंसान ।। लोभ दौलत का तुझको है तो,विद्या धन एकत्र कर। चोर न चोरी कर सके , तू चाहे सर्वत्र भर।। विद्या और कल्याण की दौलत, लूट सके तो लूट। कोई न जाने किस पल…

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महात्मा गांधी का जीवन विश्व कल्याण के लिए

महात्मा गांधी का जीवन विश्व कल्याण के लिए गांधीजी की कार्य शैली और साधना वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत पर आधारित रही । गांधी जी के समन्वयवादी सिद्धांत मनुमष्य के विवेक की धुरी हैं । सत्याग्रह और अहिंसा पर आधारित गांधी जी की विचारधारा और कार्यशैली संपूर्ण विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है ।…

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गणतंत्र

गणतंत्र आज घर लौटते हुए शालिनी बहुत थकान महसूस कर रही थी। अगले दिन २६ जनवरी थी, इसलिए वो स्कूल में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए बच्चों को तैयार कर रही थी। पांचवी कक्षा की क्लास टीचर होने के साथ साथ उस पर स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी जिम्मेदारी थी।…

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बसंत

बसंत आया बसंत हर्षित हुए अनंग धरती का मगर देख हाल सिकुड़ा किंचित मस्तक भाल दिल्ली में जब देखा तनाव बदले अपने मन के भाव किया उन्होंने एक एलान लड़ूंगा अबकी मैं भी चुनाव दिखाऊंगा अपना प्रभाव रति लाना मेरा धनुष बाण सुनो सब मेरा संकल्प पत्र मैं ही हूं बस तुम्हारा विकल्प तुम भी…

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प्यार

प्यार प्रेम प्यार इश्क़ उल्फत शब्द अनेक , मतलब एक, अनुभूति एक, अभिव्यक्ति अनेक। ईश्वर से प्यार, एहसास ए उल्फत खुदा से, देता है सुकून महफ़ूज़ रहने का अहसास। एक माँ का प्यार, दुलार, ममत्व, वात्सल्य से भरे आँखों से कर देता है व्यक्त, शब्दों का नहीं है मोहताज। एक शिशु का प्यार, अस्फुट ,…

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हिंदी का आधुनिक इतिहास

हिंदी का आधुनिक इतिहास हे मातृरुपेण हिंदी!! हमारी मातृभाषा, हम सब की ज्ञान की दाता हो, जब से हमने होश संभाला, तूने ही ज्ञान के सागर से, संस्कारों का दीप जलाया, भाषा से परिचय कराया, आन ,बान और शान हमारी, देश का अभिमान जगाती, हर गुरुजनों की शान हो तुम, उनकी कर्मभूमि हो तुम, जिसने…

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गाँधी का शिक्षा दर्शन : कितना प्रासंगिक

गाँधी का शिक्षा दर्शन : कितना प्रासंगिक महात्मा गाँधी के विराट् व्यक्तित्व का प्रभाव भारतीय मानस पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्श जीवन से कम नहीं है. अल्बर्ट आइंस्टीन ने सही कहा था कि आने वाली सदियां विश्वास नहीं करेंगी कि गांधी जैसा हाड़ मांस का कोई पुतला इस धरती पर चला होगा।राष्ट्र पिता मोहन…

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खनक चूड़ियों की

खनक चूड़ियों की माँ, आज खो गयी हूँ तुम्हारी यादों में लेटी हूँ कुछ पल सुकून से तुम्हारी यादों को समेटे अपने अंतर्मन में। मुझे याद है जब मैं छोटी थी मुझे परियों की सी फ्रॉक पहना बालों में रिबन और आँखों में काजल लगा मुझे प्यार से निहारती थी, और इस डर से कि…

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मातृरुपेण हिंदी

मातृरुपेण हिंदी हे मातृरुपेण हिंदी!! हमारी मातृभाषा, हम सब की ज्ञान की दाता हो, जब से हमने होश संभाला, तूने ही ज्ञान के सागर से, संस्कारों का दीप जलाया, हर गुरुजनों की शान हो तुम, उनकी कर्मभूमि हो तुम, जिसने ज्ञान-विज्ञान,वेद-ऋचाओं, और! कर्त्तव्यों का एहसास कराया, सभ्यता-संस्कृति को जीवित रखा, देश विदेश को जोड़े रखा,…

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किश्ती और तूफ़ान

किश्ती और तूफ़ान हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के , इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के | तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के , इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के | जैसे जैसे एक और गणतंत्र दिवस निकट आता जा रहा है, मेरी स्मृति के पटल पर…

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