हर उड़ान भरने को तैयार
हर उड़ान भरने को तैयार ” पापा मुझे कम्प्यूटर कोर्स करना है “, ग्रेज्यूएशन का रिजल्ट आते ही मैने पापा से कहा । ” ज़रूर करो “, पापा के इन दो शब्दों ने मेरी उड़ान को मानो पँख लगा दिये । घर में पापा, मम्मी , भैया व छोटी बहन मेरे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण…
श्रद्धांजलि
महान लोक-शिक्षक ……स्वामी विवेकानंद !! नव भारत का उदय होने दो। उसका उदय हल चलानेवाले किसानों की कुटिया से, मछुए, मोचियों और मेहतरों की झोपड़ियों से हो, बनिये की दुकान से, रोटी बेचने वाले की भट्ठी के पास से प्रकट हो। कारखानों, हाटों और बाजारों से वह निकले। वह नव भारत अमराइयों और जंगलों से,…
ज़हरमोहरा: उर्दू में अनुवादित दिव्या माथुर का कहानी संग्रह
ज़हरमोहरा: उर्दू में अनुवादित दिव्या माथुर का कहानी संग्रह दिव्या माथुर से तआरुफ़ गुज़िश्ता मई, 2015 में डॉ ज़ियाउद्दीन शकेब के माध्यम से हुआ। किसी हिन्दी कहानीकार को पढ़ने का यह पहला मौक़ा था; मुझे ये फ़ैसला करने में वक़्त नहीं लगा कि ये कहानियाँ उर्दू दुनिया तक भी पहुँचनी चाहिएँ। मुझे दिव्या जी की…
भारत के महानायक:गाथावली स्वतंत्रता से समुन्नति की-गोपाल कृष्ण गोखले
श्री गोपाल कृष्ण गोखले महान स्वतंत्रता संग्रामसेनानी गोपाल कृष्ण गोखले भारत के प्रति सच्चा प्रेम और श्रद्धा रखते थें। देश सेवा के लिए अपने सारे सुख और निजी स्वार्थ से परे रहने वाले वे एक महान व्यक्ति थे।उन्होंने अपना सारा जीवन देश और समाज की सेवा में अर्पित कर दिया ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री…
भारत के महानायक:गाथावली स्वतंत्रता से समुन्नति की-सरोजिनी नायडू
विरासत: श्रीमती सरोजिनी नायडू भारतवर्ष के अमृतमहोत्सव पर यह कहना कदाचित अतिशयोक्ति नहीं होगा कि हर वर्तमान की नींव इतिहास में ही रखी जाती है, विशेषकर कला, संस्कृति, विज्ञान की। कृषि के क्षेत्र से लेकर औद्योगिकीकरण, तकनीकीकरण से डिजिटाइजेशन, मानवाधिकार के क्षेत्र में स्त्री पुरुष को सामाजिक, मानसिक एवं व्यवसायिक क्षेत्र में समान अधिकार का…
भारत के महानायक:गाथावली स्वतंत्रता से समुन्नति की-डॉ श्रीकृष्ण सिन्हा
बिहार केसरी डा.श्रीकृष्ण सिन्हा “डा. श्रीकृष्ण सिन्हा” यानी “श्री बाबू” को आधुनिक बिहार का प्रणेता कहा जता है। उनका बिहार में अवतरण मानो एक ईश्वरीय आशीर्वाद था क्योंकि वे अग्रिम विचारों के पोषक एक ऐसे नायक थे जिन्होंने एक प्रबुद्ध एवं समृद्ध बिहार की परिकल्पना की और उसे साकार रूप देने में ताउम्र जीवट रहे।…
रास्ते और भी हैं
रास्ते और भी हैं “बोलो बाँके बिहारी लाल की जय ! बोलो बंसी वाले की जय ! जय जय श्री राधे…..!” और असंख्य स्वर एक साथ दोनों हाथ ऊपर उठाते हुए दंडवत प्रणाम करने लगते हैं। नित्य प्रतिदिन मंगला झांकी का यही दृश्य होता है। आरती आरम्भ हो चुकी है। नेत्र बन्द किए पद्मा ध्यान…