मैं गुलाब नही/जीवन गुलाब
मैं गुलाब नही मैं गुलाब नही मैं गुलाब नही बन सकती, अपने रोम रोम बिखेर नही सकती। मैं गुलाब नही————-। पंखुड़ियों के निकलने से फिर मेरा वजूद ही क्या? खुद को मिटा दुसरों को खुशबू नही दे सकती, मैं गुलाब नही बन सकती। सरिता सिंह जीवन गुलाब गुलाब और मानव में है कुछ समानता…