“ मैं भी एक महिला हूं”: सोजॉर्नर ट्रुथ 

“ मैं भी एक महिला हूं”: सोजॉर्नर ट्रुथ  आज जिस महान महिला शख्सियत की हम बात करने जा रहे हैं, उनके व्यक्तित्व के बारे में जब मैंने पहली बार(कोई सात-आठ साल पहले) पढ़ा था। तो उस समय न ही सिर्फ़ मेरे रोंगटे खड़े हो गए, बल्कि साथ ही साथ मन एक अन्जाने गर्व से भर…

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अंतरिक्ष की धरोहर .. कल्पना चावला

अंतरिक्ष की धरोहर .. कल्पना चावला   कुछ कर गुजरने की तमन्ना थी , कुछ जीने का नया तराना था । चांद सितारों से मिलने भरी उड़ान, किसे पता था जिंदगी खत्म करने आ जायेगा तूफान ।। भारत की वह बेटी जिसने प्रथम बार अंतरिक्ष पर अपने पाँव रखे, जिसने अपने मन की कल्पना को…

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दुनिया की पहली नारीवादी कवयित्री: सप्पो

दुनिया की पहली नारीवादी कवयित्री: सप्पो वो झुकती रही दुनिया झुकाती रही उसने सहे हैं दर्द पर मुस्कुराती रही यही दस्तूर है तो परवाह न कर नाजुक फूल नही अब तू पाषाण बन कठोर रियायतें हैं ये दुनिया की सदा पार कर हौंसले से तू आगे तो बढ़ अब सरस्वती के संग संग दुर्गा का…

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एक मजबूत व्यक्तित्व -गोल्डा मीर

एक मजबूत व्यक्तित्व -गोल्डा मीर   दुनिया का इतिहास बहुविविध रहा है। सभ्यता -संस्कृति का विकास भी हर जगह अलग तरीके से हुआ है।आज की विकसित और समृद्ध दुनिया में अनेकानेक महापुरुषों ने हर क्षेत्र मे योगदान दिया है शिक्षा,स्वास्थ्य,सामाजिक और राजनैतिक जीवन में भी।गत 100 वर्ष के इतिहास में आधुनिक विश्व की अवधारणा विकसित…

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आधी आबादी- पूरी आबादी की जननी

आधी आबादी- पूरी आबादी की जननी आधी आबादी पूरी आबादी की जननी है । पर फिर भी हर युग में इन्हें अपना स्थान बनाने और बचाये रखने में संघर्ष ही करना पड़ा है।खैर आज की परिस्थिति काफी अलग है या यों कहूं कि पहले से संतोषजनक है क्योंकि सुखद परिवर्तन हुआ है ।खैर…. संघर्ष आज…

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मौन से मुखरता तक- माया एन्जोलो

मौन से मुखरता तक- माया एन्जोलो “मौन जब भी मुखर हुआ तो एक सशक्त स्वर आन्दोलन का जन्म हुआ”। आज आपको एक ऐसी सशक्त महिला से परिचित कराना चाहती हूँ जिसने दुःख और संघर्ष को असीम साहस के साथ न सिर्फ पार किया, बल्कि दुनियां के सामने एक मिसाल भी बनकर सामने आयी ! इन्हे…

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जुझारू नेत्री-रोज़ा लुईज़ मक्कॉली पार्क्स

जुझारू नेत्री-रोज़ा लुईज़ मक्कॉली पार्क्स रोज़ा लुईज़ मक्कॉली पार्क्स (4 फ़रवरी 1913 – 24 अक्टूबर 2005) अफ़्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकार कार्यकर्त्ता थीं जिन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका की कांग्रेस ने “द फ़र्स्ट लेडी ऑफ़ सिविल राइट्स” (नागरिक अधिकारों की पहली औरत) और “द मदर ऑफ़ द फ्रीडम मूवमेंट” (आज़ादी लहर की माँ) नामों से पुकारा। रोजा पार्क्स…

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फ्लोरेंस नाइटिंगेल

फ्लोरेंस नाइटिंगेल महिलाएँ केवल जन्मदात्री होकर पालन पोषण ही नहीं करतीं वरन जीवन के हर क्षेत्र में उन्होंने कड़ी मेहनत व त्याग से अपनी योग्यताओं को सिद्ध किया है। विश्व भर की ऐसी महिलाओं की लंबी सूची में एक नाम निस्वार्थ फ्लोरेंस नाइटिंगेल का भी स्वर्णाक्षरों में अंकित है। निज सुख को ताक पर रख…

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फ्रांस की वीरांगना – जोन ऑफ़ आर्क

फ्रांस की वीरांगना – जोन ऑफ़ आर्क अमेरिका के प्रेसीडेंट रूजवेल्ट ने एक बार अपने भाषण में कहा था “महिलाएँ देश की सम्पदा हैं। उनकी भलाई देश की भलाई है। यदि वे दुर्बल हैं तो देश दुर्बल है।” इस बात की पुष्टि मुंशी प्रेमचंद ने भी किया है – “किसी भी देश का विकास और…

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राष्ट्रीयचेतना की सशक्त कवयित्री:सरोजिनी नायडू 

राष्ट्रीयचेतना की सशक्त कवयित्री:सरोजिनी नायडू    “ऊँची उठती हूँ मैं, कि पहुँचूँ नियत डारने तक टूटे ये पंख लिए,मैं चढ़ती हूँ ऊपर तारों तक |” इन पंक्तियों की रचयिता स्वतंत्रता संग्राम में वीरांगना की भूमिका निभाने वाली सरोजिनी नायडू ने साहित्य जगत और काव्य क्षेत्र में अपनी सशक्त लेखनी के माध्यम से अपूर्व योगदान दिया।13…

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