अपनेपन का पुष्प खिलाये रखना

अपनेपन का पुष्प खिलाये रखना समय की विषम आंधियों में आस का दीप जलाए रखना अपने उपायों और खूबियों से भारत को बचाये रखना धरती देखो नभ देखो हे ईश्वर! इस कहर से बचाए रखना हे लाड़लों! हम साथ है ये विश्वास बचाये रखना चलो साथियों एकजुट हो इस दानव से जिंदगी की जंग चलाए…

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सीता

सीता सीता थी स्वभिमानी। अभिमानी नही। रक्षा की,अपने स्वभिमान की। राम ने सीता को त्यागा। सीता ने अयोध्या त्याग दी। वन की शरण ली। जंगल को ही मंगल किया। राम की व्याहता सीता। राजा राम की बेकसूर रानी। भोली-भाली सब से अनजान। गर्भवती बेचारी। राम की मनसा को जान, कितना दुख हुआ होगा? कितनी आहत…

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वर्ल्ड हेल्थ डे

वर्ल्ड हेल्थ डे सात अप्रैल यानी विश्वभर के लोगों के स्वास्थ्य को समर्पित साल का महत्वपूर्ण दिवस। आज ही के दिन साल 1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना हुई थी। केवल शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना एक व्यक्ति के लिए आवश्यक है।लेकिन आज परिस्थिति यह है कि…

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एक आह्वान जगमगा उठा सारा हिंदुस्तान

  एक आह्वान जगमगा उठा सारा हिंदुस्तान… एक आह्वान जगमगा उठा सारा हिंदुस्तान… एक नहीं कई आशाओं के दीप सब ने मिलकर जलाया …इन आशाओं के दीप से रोशन होगा मानवता का सकारात्मकता। इतिहास याद रखेगा इस दिन को जब पुरा संसार डगमगा रहा था तब मेरा हिंदुस्तान जगमगा रहा था। एक दिया मेरी ओर…

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कोरोना वायरस से मुक्ति

कोरोना वायरस से मुक्ति पूरा विश्व अभी कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव से परेशान है और सभी यह जानना चाहते हैं कि भारत और विश्व इस संक्रमण से कब मुक्त होगा । वर्तमान में कर रहे गोचर और ग्रहों की स्थिति को देखें तो यह पाएंगे कि राहु अपने उच्च की राशि मिथुन में गमन कर…

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राम का राज्याभिषेक

राम का राज्याभिषेक आश्वस्त हैं राम अपने धर्म,सभ्यता और संस्कृति से परंतु आशंकित है वर्षों बाद घर वापसी में, मंथरा का (दासो का) कुनबा पूँछ सकता हैं उनका नाम और जन्मस्थान -!!! सीता तुम पुरूष चित्त से सोचना मानवीय आचरण के राम मर्यादा के पुरूषोत्तम राम तुम्हारे लिए वन वन भटके राम कितना कठिन है…

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संवत्सर के नये सृजन का

संवत्सर के नये सृजन का संवत्सर के नये सृजन का प्राण प्राण वन्दन अभिनन्दन।। पीत पर्ण पर नन्ही कोपल, मन मन को आह्लादित करती। घनी अमा से उतरी किरणें, जन जन को संबोधित करती। पांखुर पांखुर गीत लिखें तितली फूलों का मधु रंजन।।१।। सुनहली शाटिका धृता पर कुंतल बीच पलाश सिंदूरी। कर्णसुसज्जित पारिजात ज्यूं ओढ़…

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भारतीय नववर्ष की अनमोल वैज्ञानिकता

भारतीय नववर्ष की अनमोल वैज्ञानिकता हमारा ” नव-वर्ष चैत्र मास, शुक्ल पक्ष प्रथमा से मनाया जाता है..” संवत्सर-चक्र के अनुसार सूर्य इस ऋतु में अपने राशि-चक्र की प्रथम राशि मेष में प्रवेश करता है। भारतवर्ष में वसंत ऋतु के अवसर पर नूतन वर्ष का आरम्भ मानना इसलिए भी हर्षोल्लास पूर्ण है क्योंकि इस ऋतु में…

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