कहां से कहां आ गए

कहां से कहां आ गए कौन थें हम हम वही थें जो ईंट और गारा के लिए झगड़तें थें पशुओं की तरह लड़ते थें रक्त के रंग को नकारते रहें अलग अलग सोचते और अलग अलग विचारते रहें आपसी संबंध हमारे एक दूजे को नीचा दिखाने पर तुले रहें हम कितने अच्छे और कितने भले…

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मैं जन्म से एक ब्रिटिश हूँ और मैं माफ़ी मांगता हूँ”

“मैं जन्म से एक ब्रिटिश हूँ और मैं माफ़ी मांगता हूँ” आज भी ‘नासूर बन दुखता है’ फिरंगियों को जलियांवाला बाग हत्याकांड !! “आकलैंड रायटर्स फेस्टिवल 2019 के उद्घाटन के दौरान कुछ चुनिन्दा लेखकों को 7 मिनट के भीतर एक ‘सच्ची कहानी’ सुनने के लिए आमंत्रित किया गया था। जिसमे एक आमंत्रित लेखक एवं कांग्रेस…

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कोरोना दारुण व्याधि रचायो

कोरोना दारुण व्याधि रचायो कोरोना दारुण व्याधि रचायो, चीन देश वाहि पैदा कीन्हों, सब जग माहि पठायो, जर्मन, इटली, फ़्रांस, रूस, सारे जग को भरमायो, इंगलैंड और अमेरिका सोचें, सधै ना कोनु उपायो, जग पूछे बेशर्म चीन से, क्यों चमगादड़ खायो, हालैंड, पाकिस्तान, कनाडा, सब को सोच थकायो, भारत के तत्पर प्रयास लख सब जग…

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हाफ़िज़ शीराज़ी का गीत

यह गीत फ़ारसी/ताजिक के प्रख्यात और चरिचित कवि हाफ़िज़ शीराज़ी का लगभग 650 वर्ष पूर्व लिखा हुआ है और लगता है जैसे विश्व की वर्तमान परिस्थितियों पर आज ही लिखा गया हो।प्रस्तुत है हिंदी और अंग्रेज़ी अनुवाद । शहर ख़ाली रस्ते खाली गलियां खाली ख़ाना खाली जाम खाली मेज़ खाली सागर-व-पैमाना चल दिए हैं दोस्तों…

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दीया

दीया अंतस में दीया जलता है । बाहर में दीया जलता है । मन के दीप से ही अब तो । घर घर में दीया जलता है ।। देश में दीपोत्सव मनता है । अंतस बाहर गम हटता है । आओ घर घर दीप जलाएँ । कलुषता का तम हटता है ।। दीपक शुद्धता है…

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