अब दिखे न कोई राहों पर

अब दिखे न कोई राहों पर है दिन दुपहरी यूँ सन्नाटा करती हैं सड़कें साँय साँय प्रकोप भारी कोरोना का अब दिखे न कोई राहों पर। मिल न सके अपनों से अपने विडंबना ऐसी विधना की पंख झरे मुरझाये सपने पलकें उनींदी कल्पना की लगी दरों पर लक्ष्मण रेखा, हर गली गली चौराहों पर। ये…

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मात देने को

मात देने को विश्व के सम्मुख बड़ी विपदा खड़ी है मात देने को मगर हिम्मत अड़ी है। खौफ से मासूमियत भी कैद घर में खेल का मैदान तकता रास्ता है ओढ़ चुप्पी कह रही सुनसान सड़कें भूल मत तेरा हमारा वास्ता है अब तरीके युद्ध लड़ने के अलग हैं ये लड़ाई बैठ कर घर मे…

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“आपदा आन पड़ी “

“आपदा आन पड़ी “ विकट आपदा आन पड़ी ,सकल विश्व घबराया है काल का भेष रख कर के , कोरोना वायरस आया है वुहान की पैदा इश ये, विश्व के लिए बड़ा खतरा है छूने से होते संक्रमित ,बीमार भयंकर करता है भीड़ से दूरी बना कर, बचानी अपनी काया है काल का भेष रख…

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लॉकडाउन

लॉकडाउन आया कोरोना तू कहाँ से देश हमारे मचा मृत्य का तांडव विश्व भर में मचा हड़कंप ऐसा ज़िन्दगी ही सिमट गई चारदीवारी में बाज़ार हुए बंद सड़कें सुनी पलायन को मजबूर घर काम से बेघर मजदूर ऐसी मुश्किल घड़ी में डट कर खड़े हैं डॉक्टर नर्स मेडिकल स्टाफ करने को देखभाल वहीं पुलिसकर्मी सड़कों…

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” कोरोना महामारी “

” कोरोना महामारी “ है डरा संसार महामारी कहे कोरोना निकृष्ट उपाय खोजे टीका विज्ञान है मुँह ढ़कना दूरी रख सुरक्षा कर स्वयं परिजन शत्रु बना कोरोना है रोग विकट संक्रमण ज्वर खाँसते हाँफते विकल कोरोना सावधान है विश्व चिंतित कैसे करें रक्षा इससे मानव जीवन हताशा ये कोरोना है कर्म सेवा ही चिकित्सक जुझ…

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अनमोल जीवन की सीख…

अनमोल जीवन की सीख… जिस घर के लिए चिंता करते आये, आज उसमे भी उदासी छाऐ। ना किसी से मिलना मिलाना , ना कही बाजार जाना। पहले ढेरो चीजे भी कम पड जाऐ, आज कम मे भी गुजारा हो जाए। सूनी गलियों का देखो नजारा , ना बच्चे खेलते अपना बचपन प्यारा। बंद दरवाजे कहानी…

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दिखता

दिखता घर के बाहर गली गली में सन्नाटा सा पसरा दिखता बन्द हो गया हाथ मिलाना करे दूर से सभी नमस्ते शोर शराबा कहाँ खो गया पूछ रहे हैं हमसे रस्ते समय भूलकर अपनी गति को एक जगह ही ठहरा दिखता ऑफिस घर में स्कूल घर में बदल गई दिनचर्या सारी उलझन अब तक सुलझ…

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डॉ. अंबेडकर

डॉ. अंबेडकर अंबेडकर एवं भारतीय संसदीय प्रणाली पर उनके विचार !! अंबेडकर ने कहा था कि भक्ति या नायक पूजा शर्तिया तौर पर पतन और उसके संभावित तानाशाही की ओर ही ले जाती है। भारत में भक्त होना आसान है समझदार होना मुश्किल है। क्या इस देश में भूख, बेरोजगारी, महंगाई, सामाजिक असामनता जैसे ज्वलंत…

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आधुनिक भारत के निर्माता

आधुनिक भारत के निर्माता करोड़ों लोग जो दोज़ख से निकल आए हैं उनके क़द है जो आदमी जैसे ख्वाब आंखों में जो उभरे हैं अभी अब जो मुमकिन है हौसलों का सफ़र अब जो राहें ज़रा-सी रोशन हैं बेसबब तो नहीं हुआ होगा किसी ने ख़ुद को जलाया है ज़रूर ! मानवता, न्याय और समानता…

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