अंकुरण

        अंकुरण रिंगटोन के बजते ही फोन के स्क्रीन पर अल्फाबेट के जिन सदस्यों ने एक परिचित नाम को उकेरा, वैसे ही भय और उत्साह दोनों की ही बेमेल संगति ने हृदय के धड़कने की गति को मानो बेलगाम कर दिया। मेरी आशंकाओं के विरुद्ध फोन के दूसरी तरफ आश्वस्तिपूर्ण ध्वनितरंगें पृथ्क…

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खाद पानी 

खाद पानी  “….वो डॉक्टर अजीब है। बोली, विनी, ठीक है। अरे! ऐसे कैसे? पहले तो पढ़ाई में अव्वल, म्यूजिक में आगे, स्केटिंग में बढ़िया, स्टोरी टेलिंग गज़ब की, जर्मन सीखने में अच्छी, कराटे, कॉडिंग में भी रुचि, साइंस ओलम्पियाड़ और अबेकस में बढ़ीया। ज़रा ड्रॉइंग कॉम्पिटिशन में नाम ना आया, तो सबमें डब्बा गुल। वो…

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धीरे धीरे रे मना

धीरे धीरे रे मना “अरे चुन्नू ! क्या सारा दिन खेलते रहोगे। आज तो सूरज उगते ही अपना क्रिकेट बल्ला सम्भाल लिया। पता है, बारह माही परीक्षा सर पर आ गई है।पढ़ाई के लिए स्कूल ने तुम्हें छुट्टी दे रखी है।और मैं भी तुम्हारे लिए घर पर हूँ, ऑफिस से छुट्टी लेकर। छः माही का…

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दूसरी फूलो

दूसरी फूलो आज अचानक से फूलो का चेहरा मेरे सामने कौंध गया और फ्लैश बैक की तरह उसका जीवन परत-दर-परत खुलने लगा। उसका वास्तविक नाम फूलवंती था पर, उसके जीवन में सुगंध का कहीं नामों निशान तक नहीं था। बाल्यावस्था में ही उसने मां को खो दिया था । पिता शादी कर दूसरी मां ले…

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क्लारा बार्टन- नर्सिंग की प्रणेता

क्लारा बार्टन- नर्सिंग की प्रणेता जीवन काल-दिनांक: 25 दिसंबर, 1821 – 12 अप्रैल, 1912 (क्रिसमस दिवस और गुड फ्राइडे) व्यवसाय- नर्स, मानवतावादी, शिक्षक पारिवारिक पृष्ठभूमि- पिता: स्टीफन बार्टन, किसान, चयनकर्ता और विधायक (मैसाचुसेट्स), माता : सारा (सैली) स्टोन बार्टन, चार बड़े भाई-बहन: दो भाई, दो बहनें शिक्षा- लिबरल इंस्टीट्यूट, क्लिंटन, एनवाई (1851), क्लारा बार्टन ने…

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आयरन लेडी -इंदिरा गाँधी 

आयरन लेडी -इंदिरा गाँधी  बीसवीं सदी की विश्व की सबसे ज्यादा चर्चित महिला राजनीतिज्ञों में से एक थी श्रीमती इंदिरा गाँधी .जो स्वतंत्र भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी .आइरन लेडी पर दिल से मुलायम .गरीबो की मसीहा .महान बनने के लिए हिम्मत चाहिए .मिशाल बनने के लिए भी हिम्मत चाहिए;हिम्मतों की परिभाषा थी इंदिरा…

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एक वट वृक्ष : साहित्यकार शार्लेट ब्रोंटे

एक वट वृक्ष : साहित्यकार शार्लेट ब्रोंटे शार्लेट ब्रोंटे के जीवन संघर्ष को पढ़ते हुए अभिनेत्री मीना कुमारी की पंक्तियां स्मरण हो आईं … “टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, धज्जी-धज्जी रात मिली। जिसका जितना आंचल था उतनी ही सौगात मिली।।” अंग्रेजी क्लासिक साहित्य में शार्लेट ब्रोंटे का नाम उल्लेखनीय है। शार्लेट ब्रोंटे एक उपन्यासकर, कवयित्री और सामाजिक…

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मैरी क्यूरी: वैज्ञानिक खोज की एक विरासत

मैरी क्यूरी: वैज्ञानिक खोज की एक विरासत मैरी क्यूरी विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी थीं और वैज्ञानिक समुदाय में महिलाओं के लिए एक गुरु, एक मार्गदर्शक थीं। रेडियोधर्मिता के साथ उनके काम ने ग्राउंड-ब्रेकिंग खोजों को जन्म दिया जिसने आधुनिक चिकित्सा और भौतिकी के पाठ्यक्रम को बदल दिया। यह लेख मैरी क्यूरी की एक विस्तृत…

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नारी अधिकारियों का मजबूत कंधा-एलिस पाॅल

नारी अधिकारियों का मजबूत कंधा-एलिस पाॅल एलिस स्ट्रोक्स पाॅल का जन्म 11 जनवरी 1885 को न्यूजर्सी के माऊंट लार्रेल टाउन में हुआ। इनके पिता विलियम मिल पाॅल एक सफल व्यवसाई थे तथा विंथ्रोब परिवार के वंशज थे।इनकी मांँ टेसी पेरी पॉल सोसाइटी ऑफ फ्रेंड्स के आंदोलन में सक्रिय सदस्य थीं। एलिस दो बहन एवं दो…

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वाणी और कर्म की धनी-फ्लोरिंस रे कैनेडी

वाणी और कर्म की धनी-फ्लोरिंस रे कैनेडी “फ्लो के साथ पांच मिनट आपका जीवन बदल देगा “– स्टीनम पत्रिका के संस्थापक का यह कथन अनेक व्यक्तियों के जीवन में अक्षरश: चरितार्थ हुआ है, ऐसा बताया जाता है। एक मुखर अधिवक्ता की हैसियत से मानव अधिकारों की अत्यंत सशक्त प्रवक्ता और नारीवादी आंदोलन की प्रखर नेता…

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