माँ

मां मां तो मां होती है, जननी जीवन देने वाली, बच्चों को वो सेने वाली। कठिन विकट पथपर भी, बच्चों के हित चलने वाली। मां तो मां होती है, मां तो बस मां होती है। बिना स्वार्थ सब कुछ करती, नयन नेह से दुख वो हरती। सबसे सुन्दर छवि है उसकी, खुशियों से दामन है…

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कैसे कहूं चहूं दिशा में गुणगान करु

कैसे कहूं चहूं दिशा में गुणगान करु ममता तेरी भावों में मैं बांध नहीं पाती मां तुम मेरे लिए क्या हो कैसे बतलाऊ चाहकर भी मै शब्दों में ढाल नहीं पाती समय चक्र पर बैठे देखा है हरदम तुमको सबकी खुशियों को गढकर प्रेम ही भरते देखा खुद को मिटाकर हमे कामयाब बनाने जुनून तेरी…

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तुम स्वयं उपमान हो

माँ! मेरे यह गीत सारे,आज तुझको हैं निवेदित मन के मेरे भाव निर्मल,तेरे चरणों में हैं प्रेषित शीत की ऊष्मा हो माते और हवा सा प्यार हो स्नेह का सागर समेटे, तुम दैवीय उपहार हो जो मेरा जीवन है गुंजाता,तुम वो अनहद गान हो क्या तुम्हें उपमा मै दूँ माँ,तुम स्वयं उपमान हो जीवनशाला का…

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तू धरती पर ख़ुदा है माँ

तू धरती पर ख़ुदा है माँ, पंछी को छाया देती पेड़ों की डाली है तू माँ. सूरज से रोशन होते चेहरे की लाली है तू, पौधों को जीवन देती है मिट्टी की क्यारी है तू. सबसे अलग सबसे जुदा, माँ सबसे न्यारी है तू. तू रोशनी का खुदा है माँ, बंजर धरा पर बारिश की…

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माँ

माँ संस्कारों के दिव्य अलंकरण की शक्ति है माँ । स्नेह भरे संबल का सुखद स्पंदन है माँ । जीवन की ऊबड़-खाबड़ पगडंडियों पर धैर्य से आगे बढ़ने की शिक्षा है माँ । जिन्दगी की कटु अनुभूतियों की मधुर अभिव्यक्ति है माँ । तुझ में है हम हममें हो तुम हमारे संपूर्ण व्यक्तित्व की पहचान…

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माँ तो बस माँ ही होती है

माँ तो बस माँ ही होती है आज भी याद है माँ की वह तस्वीर बचपन में ,स्कूल जाते समय टीफिन लेकर पीछे दौड़ती माँ स्कूल से आते ही खाना खिलाने के लिए घंटों मशक्कत करती माँ लुकछिपी के खेल में जानबूझ कर शिकस्त खाती माँ मेरी चिंता में हर पल अपने आपको जलाती माँ…

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खनक चूड़ियों की

खनक चूड़ियों की माँ, आज खो गयी हूँ तुम्हारी यादों में लेटी हूँ कुछ पल सुकून से तुम्हारी यादों को समेटे अपने अंतर्मन में। मुझे याद है जब मैं छोटी थी मुझे परियों की सी फ्रॉक पहना बालों में रिबन और आँखों में काजल लगा मुझे प्यार से निहारती थी, और इस डर से कि…

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