कैसे कहूं चहूं दिशा में गुणगान करु
कैसे कहूं चहूं दिशा में गुणगान करु ममता तेरी भावों में मैं बांध नहीं पाती मां तुम मेरे लिए क्या हो कैसे बतलाऊ चाहकर भी मै शब्दों में ढाल नहीं पाती समय चक्र पर बैठे देखा है हरदम तुमको सबकी खुशियों को गढकर प्रेम ही भरते देखा खुद को मिटाकर हमे कामयाब बनाने जुनून तेरी…
तुम स्वयं उपमान हो
माँ! मेरे यह गीत सारे,आज तुझको हैं निवेदित मन के मेरे भाव निर्मल,तेरे चरणों में हैं प्रेषित शीत की ऊष्मा हो माते और हवा सा प्यार हो स्नेह का सागर समेटे, तुम दैवीय उपहार हो जो मेरा जीवन है गुंजाता,तुम वो अनहद गान हो क्या तुम्हें उपमा मै दूँ माँ,तुम स्वयं उपमान हो जीवनशाला का…
SILENT MOTHER
SILENT MOTHER. One name only I repeat endlessly and if I could count every time I say “mom”, that number could not be contained nowhere for the undeciphered extension. The first thought of the morning turned to you. Unconsciously, during the day, with a different expression: “Oh mum”! “Mamma Mia”! “Help mom”! “What do you…
A Mother’s Prayer
“A Mother’s Prayer” My child, I am truly blessed, by your sweet loveliness! The smile on your face speaks of your abounding love and grace! The blue skies are caught In the twinkling of your eyes! The innocent blush of rosy pink cheeks, against ivory skin as my little angel sleeps! This bundle of joy!…
Lantern of love
Lantern of love Mother. A touch of unscrupulous affection Fluttering of chivalric greatness Infinity of mental beauty You enliven faded memories You encourage charity events You change the flow of time, of the historical error You teach the universe generously You magnetize sea treasures You magically unlock the cabinets of the earth You endure the…
तू धरती पर ख़ुदा है माँ
तू धरती पर ख़ुदा है माँ, पंछी को छाया देती पेड़ों की डाली है तू माँ. सूरज से रोशन होते चेहरे की लाली है तू, पौधों को जीवन देती है मिट्टी की क्यारी है तू. सबसे अलग सबसे जुदा, माँ सबसे न्यारी है तू. तू रोशनी का खुदा है माँ, बंजर धरा पर बारिश की…
माँ तो बस माँ ही होती है
माँ तो बस माँ ही होती है आज भी याद है माँ की वह तस्वीर बचपन में ,स्कूल जाते समय टीफिन लेकर पीछे दौड़ती माँ स्कूल से आते ही खाना खिलाने के लिए घंटों मशक्कत करती माँ लुकछिपी के खेल में जानबूझ कर शिकस्त खाती माँ मेरी चिंता में हर पल अपने आपको जलाती माँ…
खनक चूड़ियों की
खनक चूड़ियों की माँ, आज खो गयी हूँ तुम्हारी यादों में लेटी हूँ कुछ पल सुकून से तुम्हारी यादों को समेटे अपने अंतर्मन में। मुझे याद है जब मैं छोटी थी मुझे परियों की सी फ्रॉक पहना बालों में रिबन और आँखों में काजल लगा मुझे प्यार से निहारती थी, और इस डर से कि…