माँ तू अनमोल है

माँ तू अनमोल है न जाने कितनी ही बार लड़खडाते कदमो को संभाली होगी माँ न जाने कितनी ही बार गिरने से बचाई होगी माँ न जाने कितनी ही बार गोद में लेकर थपकी दी होगी माँ न जाने कितनी ही बार कितने जतन की होगी मेरी हंसी खुशी के लिए माँ न जाने कितनी…

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माँ तू अनमोल है

माँ तू अनमोल है न जाने कितनी ही बार लड़खडाते कदमो को संभाली होगी माँ न जाने कितनी ही बार गिरने से बचाई होगी माँ न जाने कितनी ही बार गोद में लेकर थपकी दी होगी माँ न जाने कितनी ही बार कितने जतन की होगी मेरी हंसी खुशी के लिए माँ न जाने कितनी…

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माता तुम अनुपम

माता तुम अनुपम प्रकृति का अनुपम उपहार मातृत्व से भरी कोमल नार जननी ममतायी अमृत रसी कोमलांगी माता शक्ति सार नित्य कष्ट सह जाये माते संतान की पीड़ा करती हरण ममता रोम रोम में बसता क्या व्याख्या कैसे हो उद्गार समर्पण माँ का अद्भुत भाव जिसको ना हो माप व् भार माँ तो होती सदा…

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माँ!!तुझ से ही तो…

माँ!!तुझ से ही तो… जीवन में उजाला था, तेरे बगैर खुद को… बड़ी मुश्किल से संभाला था। तुम अटूट बंधन…. एक मजबूत स्तंभ थी, झकझोरती हुई संवेदना… अनवरत बहती धारा थी। तेरी आँचल में ही तो… हंस के,रो के… सारा बचपन गुजारा था, तेरे बगैर खुद को… बड़ी मुश्किल से संभाला था। ना जाने कितने…

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तुम पास नही फिर भी पास हो

मेरी माँ, माँ तुम पास नही फिर भी पास हो, माँ तुम हमेशा उस जहां में भी जा कर मेरे पास हो, तुम्हे क्या लिखूं माँ आपने हमे लिखा है। मैं कभी सोची ही नही थी एक दिन मैं आपसे कभी दूर जाउंगी मुझे याद है वो दिन जब मेरी शादी ठीक हुई थी और…

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माँ

मां मां तो मां होती है, जननी जीवन देने वाली, बच्चों को वो सेने वाली। कठिन विकट पथपर भी, बच्चों के हित चलने वाली। मां तो मां होती है, मां तो बस मां होती है। बिना स्वार्थ सब कुछ करती, नयन नेह से दुख वो हरती। सबसे सुन्दर छवि है उसकी, खुशियों से दामन है…

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कैसे कहूं चहूं दिशा में गुणगान करु

कैसे कहूं चहूं दिशा में गुणगान करु ममता तेरी भावों में मैं बांध नहीं पाती मां तुम मेरे लिए क्या हो कैसे बतलाऊ चाहकर भी मै शब्दों में ढाल नहीं पाती समय चक्र पर बैठे देखा है हरदम तुमको सबकी खुशियों को गढकर प्रेम ही भरते देखा खुद को मिटाकर हमे कामयाब बनाने जुनून तेरी…

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तुम स्वयं उपमान हो

माँ! मेरे यह गीत सारे,आज तुझको हैं निवेदित मन के मेरे भाव निर्मल,तेरे चरणों में हैं प्रेषित शीत की ऊष्मा हो माते और हवा सा प्यार हो स्नेह का सागर समेटे, तुम दैवीय उपहार हो जो मेरा जीवन है गुंजाता,तुम वो अनहद गान हो क्या तुम्हें उपमा मै दूँ माँ,तुम स्वयं उपमान हो जीवनशाला का…

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