मानवता और सामाजिक बदलाव

मानवता और सामाजिक बदलाव..! कोरोना एक वैश्विक महामारी ही नहीं है बल्कि समस्त विश्व के समक्ष एक चुनौती है।यह केवल मानव जीवन को ही नहीं बल्कि मानव सभ्यता द्वारा निर्मित प्रत्येक क्षेत्र पर घातक प्रहार कर रहा है।कोरोना से बचाव के लिए न कोई दवाई हैं और ना ही कोई वैक्सीन।इससे बचाव का एकमात्र उपाय…

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चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन की संदेहास्पद भूमिका

चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन की संदेहास्पद भूमिका आज पूरा विश्व कोरोना महामारी की चपेट में है।यह महामारी चीन के वुहान शहर से शुरू होकर पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया।लक्षण देखें तो तेज बुखार सरदर्द, बदन दर्द, निरन्तर खाँसी, स्वास नली में संक्रमण तथा सांस लेने में तकलीफ इसके मुख्य लक्षण है।…

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रोबोट

रोबोट इस आधुनिक शिक्षा प्रणाली ने बच्चों को रोबोट बना दिया हैं।नन्हें-नन्हे कंधों पर भारी बस्तें और स्कूल से आते ही कोंचिग जाने की तैयारी,वहां से आकर होमवर्क के बाद जल्दी सुलाने की कवायद। अपने छोटे से पोते-पोती की दिनचर्या देखकर सविता मन ही मन कुढ़ती और बच्चों पर बेहद तरस आता। लेकिन कुछ कह…

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भाग्यरेखा ने उकेरा

भाग्यरेखा ने उकेरा भाग्य रेखा ने उकेरा स्वप्न रेशम रूप तेरा ले रहा आकार अंतर में सलोना रूप तेरा।। मांगती रहती विधाता से सुमन रस राग भीगे। दे रहा प्रारब्ध ही यूं हो सदय उपहार मेरा।। पलक के आह्लाद पर है वाणियों का मूक पहरा। खिलखिलाती आ गयीं खुशियां, ह्रदय का मार फेरा।। अधर कोपल…

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माँ

माँ वो मां ही तो है, जिस ने सबसे पहले , सिखलाया धीरज रखना सिखलाया बिन व्याकुलता , भी संपन हो सकता है हर कार्य। सिखाया उसी ने, सरलता से जीना उलझनों के बीच रहकर भी, जीत हार के संग, समान व्यवहार का पाठ भी, सबसे पहले उसने ही पढ़ाया। मन जब दुख से घबरा…

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माँ

माँ तुम देतीं देतीं और बस देती ही रहीं ममता दी, प्यार दिया, संरक्षण और अधिकार भी, पीड़ा सहकर मुस्कुराने की कला, लांछनों, आक्रोशों को पी जाने की अदा, माँ कहाँ से लाई इतना बड़ा दिल कि हमारी माफ़ न कर सकने वाली भूलों पर भी, कभी न दी सजा. चोट हमें लगती थी, भर…

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शत शत नमन

  शत शत नमन ममता से ओतप्रोत वे सभी ममतामयी सम्मानीय माताएं जिनका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही रूप से मेरे और मेरे अपनों के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं उन सभी माताओं एवं मेरी जन्मभूमि भारत माता के श्री चरणों में मैं सत् सत् नमन करता हूं एवं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं…

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मदर्स डे पर मेरी मां

मदर्स डे पर मेरी मां मातृ दिवस के अवसर पर मेरे पुत्रों ने अपनी मां का सम्मान करने का आयोजन कियाl पत्रकार पुत्र सतेंद्र, कुमार, पुत्र अमरेंद्र के साथ खड़ी थी बहु हे- रूपा, रिंकी, रानी, अपूर्वा, पोता शिवम, आशुतोष, पोती मुस्कान, वैष्णवी, छोटा पोता श्याम, अभिराज तथा अभिनंदन और बीच में उनकी दादी दमयंती…

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माँ

माँ माँ तो केवल माँ होती है , हर सुख -दुख में ठंडी छाँव होती है । गरम थपेड़े सहकर भी बच्चों की रहनुमा होती है । सूरज की पहली किरण वह , चाँद की चमकती रोशनी वह, नीले आसमान -सी विशाल वह , हवा का सुगंधित झोंका वह , ममता से भरी गागर वह…

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