पर्यावरण संरक्षण

“पर्यावरण संरक्षण “ धरती कहे पुकार के जरा देख मुझे संतान मेरे अपने ह्रदय के प्यार से अपनी चक्षु की नमी से कब समझोगे मेरा प्रेम जो सदा है समर्पित तुम्हारे लिए सदियों से और तुम लुटते हो मेरा सौन्दर्य मेरी मुस्कान चीर देते हो मुझे मेरी ये पीड़ा जो समझोगे कभी मैं हूँ इंतजार…

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कोरोना और पर्यावरण

कोरोना और पर्यावरण : एक अवसर या सौगात इस कोरोना काल में भविष्‍यत: महात्मा गाँधी की कही दो बातें बहुत ही स्मरणीय हैं। एक यह, कि जो बदलाव तुम दूसरों में देखना चाहते हो वह पहले खुद में लाओ। दूसरा कथन तो शायद पहले से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है – वह यह कि संसार में…

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कोरोना कोंस्पिरेसी

कोरोना कोंस्पिरेसी किसी बात को ठीक से समझने के लिए उसकी पृष्ठभूमि को समझना आवश्यक होता है | चीन से शुरू हुई इस वैश्विक महामारी को समझने के लिए भी उसकी पृष्ठभूमि जानना जरूरी है कि वह कब कैसे और किन परिस्थितियों में शुरू हुई | नवम्बर दिसम्बर 2019 में दो महत्वपूर्ण खबरें थी जिसे…

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जिंदगी आपकी फैसला आपका

जिंदगी आपकी फैसला आपका शराब की दुकानें खुल चुकी है।जनता ने एक बार फिर सरकार को कटघरे में खडा कर दिया है । समझ नहीं आ रहा रोटी जरूरी है या शराब कोई कह रहा है ।मजदूर लोग जो रोटी के लिए पहले ही तरस रहे थे । अब अपने घरों में लड़ाई झगड़ा कर…

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जीवन और संघर्ष

जीवन और संघर्ष विश्वव्यापी कोरोना महामारी ने यह तो समझा ही दिया है कि स्वास्थ्य ही धन है।स्वास्थ्य के अभाव में सभी सुख सु्विधाएँ व्यर्थ हैं।स्वस्थ व्यक्ति ही जीवन का उपभोग कर सकता हैव इच्छित लक्ष्य प्राप्त कर सकता है।अक्सर यह देखा जाता है कि कुछ लोग मौसम,खानपान व स्थान परिवर्तन से बहुत जल्दी प्रभावित…

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कोरोना और मेडिकल साइंस

कोरोना और मेडिकल साइंस वर्तमान समय में विश्व भर को कोरोना महामारी ने विभिन्न तरह से ग्रसित किया है, और कर रहा है। इसके द्वारा लाखों संख्या में संक्रमण और मानव जीवन का ह्रास हो रहा है, और मानव से मानव का हर तरफ भय के वातावरण ने सबको विचलित कर रख दिया है। इस…

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मानसिक तनाव-एक मंथन

मानसिक तनावः एक मंथन दोस्तों, हम सभी इस बात से भली-भाँति वाकिफ हैं कि मानसिक तनाव एक प्रकार का असंतुलन है जो कि हमारे दैनिक वातावरण, साथ रहने वाले लोगों के व्यवहार और इन सब के साथ, हमारे मन मस्तिष्क की प्रतिक्रियाओं का, सामंजस्य न बिठा पाने का परिणाम है, फलस्वरूप मन की शांति, भावनाओं…

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स्वाद

स्वाद आज कोई खास बात है क्या? कोई भी घर से नहीं जा रहा हैं। इतने बजे तक तो बहू अलका, बेटा अरविंद और पोता अरुण चले ही जाते हैं। अलका टीचर है, बेटा आई.टी कंपनी में मैनेजर और अरुण आठवीं क्लास में। तो क्या आज सब घर में रहेंगे ?यह लॉकडाउन क्या है? मतलब…

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फिर नयी सुबह तो आयेगी ‌

फिर नयी सुबह तो आयेगी ‌ दिसंबर की शीत लहर और एक वायरस ने चीन के वुहान शहर को अपने आलिंगन में ले लिया और फिर उसका आगोश कसता गया,बढ़ता गया।सुना गया कि वुहान की प्रयोग शाला में किसी छीना झपटी में यह वायरस लाखों लाख की संख्या में ज़मीन पर गिरा तो आदमी के…

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