गुरू एक पथ प्रदर्शक

गुरू एक पथ प्रदर्शक वैदिक काल से शुरू हुआ गुरूकुल का प्रचलन हुआ आवश्यक है गुरू सानिध्य गुरू का हो सुंदर आशीष संसार के हर उत्तम कर्म ज्ञान औ विद्या होये संगम जन्म लेता है मानव शिशु माता पिता पाये औ सीखे सांसारिकता का ज्ञान मिले पर बिन गुरू ना दिशा मिले अक्षर ज्ञान से…

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सिर्फ पूजा नहीं स्वच्छता भी जरूरी

सिर्फ पूजा नहीं स्वच्छता भी जरूरी आज गुरु पूर्णिमा है। गुरु यानी आध्यात्मिक गुरु, फिजिक्स या अलजबरा सिखाने वाला गुरु नहीं। भारतीय अध्यात्म में दर्शन का बहुत महत्व है। दर्शन का अर्थ है दिव्यत्व की एक झलक पाना। कहते हैं गुरु या मंदिर की मूर्ति का एक दर्शन भी शिष्य को पवित्र कर देता है।…

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नमन

नमन गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुरेव परंब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।। कहते हैं हमारा अहम और खुद की शंकाए ही हमें अपने गुरुजनों और अपनों के पास या करीब जाने से रोकती हैं। स्वतः हम इसके जिम्मेदार होते हैं। हमारे मन के अंदर का कचरा हम में इस क़दर भरा रहता हैं कि वह दूसरी अच्छी…

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ज्ञान के गौरव

ज्ञान के गौरव अंधकार से जो प्रकाश का स्वप्न दिखाते हैं जीवन की शूलभरी राहों पर पुष्प खिलाते हैं संघर्षों में जो मंगल के गान रचाते हैं वंदनीय जग में गुरु की अनुपम सौगातें हैं अमर हुए तुलसी कबीर भी गुरु का ज्ञान मिला प्रतिभा की जय हुई जगत मे शुभ सन्मार्ग मिला एकलव्य आरुणि…

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हम जीतेंगे

हम जीतेंगे हम जीतेंगे, हम जीतेंगे लाज़िम है कि हम ही जीतेंगे वो दिन कि जिसका अरमां है हम सारे जनों का फ़रमां है जब ये भय, ये दहशत का आलम बन इक गुबार उड़ जाएंगे बेशक़ हम दिलों को जोड़ेंगे औऱ ज़ंजीरों को तोड़ेंगे लेकिन, लेकिन……. ना रखे दुश्मन कोई भरम नहीं है मुश्किल…

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कवि,कविता और कोरोना

कवि, कविता और कोरोना सच ही कहा गया है कि ‘जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुचे कवि’ । आज कोरोना नामक महामारी वैश्विक स्तर पर फैल चुकी है । अमेरिका जैसी दुनिया की बड़ी-बड़ी महाशक्तियों ने इसके सामने घुटने टेक दिये हैं । ऐसी संकट की घड़ी में हमारे देश के हिन्दी, संस्कृत, उर्दू कलमकारों…

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प्रथम गुरु – मां

गुरु पूर्णिमा विशेष प्रथम गुरु – मां मां तुम मेरी प्रथम गुरु हो तुमने ही मुझे पढ़ाया है तुमने ही सुख दुख में मुझको जीवन का सार बताया है, करूं वर्णन कैसे तेरी महिमा का मेरी नींव है तुम पर टिकी हुई जीवन में हर एक रिश्ते की पहचान तुम्हीं से मिली हुई तुमने ही…

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विजयी भारत

विजयी भारत “ह्रदय का ज्वार सड़कों पर फबेगा, कफन को बाँध सीने पर कहेगा। मचाने और बकंर सब हटा दो, किधर तोपें लगी हैं, यह भी तो बता दो। हमें सहना नहीं है, ये है ठाना, नहीं दबने का हासिल कुछ है ,जाना। तो अब रण हो रहेगा और अब ही, है शोणित तो बहेगा…

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भारत और आत्मनिर्भरता

भारत और आत्मनिर्भरता जब विश्व कोरोना वैश्विक आपदा से लड़ रहा था भारत कोरोना को हराने के साथ साथ खुद को आत्मनिर्भर बनाने के सपने संजोए आगे बढ़ रहा था। इस महामारी से पूरी मनुष्य जाति प्रताड़ित थी और इस पर किसी तरह काबू पाने के लिए जूझ रही थी। कारखाने ,दफ्तर सभी निर्माण कार्य…

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हिंदी चीनी भाई भाई के नारों से दूर है हमारा रिश्ता

हिंदी चीनी भाई भाई के नारों से दूर है हमारा रिश्ता चीन और भारत का बहुत पुराना ऐतिहासिक रिश्ता है। मौर्य काल से नेहरू मोदी तक रिश्तों का सफर रहा है। पहली सहस्राब्दी के दौरान, दोनों ही आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों के केंद्र थे और 19 वीं सदी के अंत और 20 वीं सदी की…

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