बदला सावन
बदला सावन इस बार सावन, कुछ बदला-बदला है। ना उमंग है,ना तरंग है। लागे सब देखो वेरंग है। चारों ओर हाहाकार मचा है। मुँह खोल बिकराल खड़ा है इस बार सावन, कुछ बदला बदला है। बगियाँ फूलों से भरी, पर सूनी-सूनी हैं। ताल-तलैया तृप्त हुऐ, पर प्यासी-प्यासी हैं। इस बार सावन, कुछ बदला-बदला हैं। काले-काले…