बड़े घर की बेटी

बड़े घर की बेटी भारतीय समाज में भारतीय संस्कारों को सही स्वरूप में जन मानस के समक्ष लाने में मुंशी प्रेमचंद के अवदान को हम “मील का पत्थर” मानते हैं । उनका साहित्य उस आम समाज की कहानी कहता है जो रहता तो हर काल में है परन्तु उसे कलम बद्ध करना अपनी जिम्मेदारी समझी…

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टिंगू

‘‘टिंगू’’ ‘‘मृदु….. देखो भई कौन है’’ इन्होंने मुझे नीचे के बरामदे से आवाज लगाई. सुबह का अखबार पढ़ते समय तनिक व्यवधान हो तो इनकी आवाज ऐसी ही रूखी हो जाती है. मैं सीढ़ियाँ फाँदती नीचे आई तो देखा कि एक बारह तेरह साल का लड़का साफ धुली हुई हाफ पैंट व टी-शर्ट पहने अपनी माँ…

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मुक्तिधन

मुक्तिधन प्रेमचंद की हर कहानी अपने आप में बेजोड़ है। कोई न कोई सामाजिक संदेश उसमें छिपा ही होता है। लेकिन पिछले बरस भिन्न-भिन्न समुदाय के लोगों के गौमांस खाने संबंधी स्वीकारोक्तियों पर हिंदुस्तान जितना उबलता जाता था, मुंशी प्रेमचंद की लिखी ‘मुक्तिधन’ कहानी मेरे दिल को उतना ही ज्यादा याद आती गई । इस…

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ठाकुर का कुआंँ–प्रेमचंद

ठाकुर का कुआंँ–प्रेमचंद मुझे प्रेमचंद की लिखी यह कहानी ‘ठाकुर का कुआँ’ अत्यंत पसंद है।इस कहानी में अछूत संदर्भ को ही संस्पर्श करती है तथा ऊँच-नीच के भेदभाव को बड़ी ही बारीकी के साथ प्रस्तुत किया गया है। हम सब जानते हैं कि प्रेमचंद आधुनिक युग के एक महत्वपूर्ण लेखक हैं जिन्होंने दलित समस्याओं पर…

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मंत्र

मंत्र “मंत्र” कहानी डॉ चड्ढा की है जो अपने नियम पर चलते हैं और अपने समय पर मरीज देखते हैं। इसके अलावा वह अपने आनंद के लिए गोल्फ आदि में समय व्यतीत करते हैं।एक दिन एक आदमी आता है जो अपनी बीमार लड़के को देखने की अपील करता है।डॉक्टर चड्ढा के गोल्फ खेलने का समय…

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भूखा दर्द

भूखा दर्द हरामजादी…कुतिया.. जन्मते बप्पो खयलिं तहियो तोर भुख्हे खतम नाय होलो-कजरिया के पीठ पर ताबड़-तोड़ धौल जमाती परवतिया तो जैसे पागल हुई जा रही थी। माँ के इस व्यवहार से हतप्रभ कजरिया को जैसे साँप सूंघ गया।नज़रे उठाकर कातर निगाह से माँ को देखने लगी जो इस समय किसी रणचंडी से कम नहीं लग…

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अमिट छाप

अमिट छाप हिंदी के महान कहानीकार और उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी का जन्म काशी के समीप लमही नमक गांव में ३१ जुलाई १८८० को हुआ था।प्रेमचंद जी का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था।८ वर्ष की उम्र में इनकी माता एवम् १६ वर्ष की उम्र में इनके पिताजी का देहांत होने से घर का…

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स्वर्णिम लेखनी

स्वर्णिम लेखनी बहुत कठिन प्रश्न है यह कि मुंशी जी की कौन-सी रचना सर्वाधिक पसंद है और क्यों ?जिस लेखनी से कथा का अर्थ समझा व पढ़ने का सलीका आया वह है कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की कलम। हर कहानी मन-मस्तिष्क पर अंकित। चाहे मजदूर हो या किसान, सूदखोर महाजन या खून चूसता जमींदार, सरकारी…

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तेरे मेरे सपने

तेरे मेरे सपने ज़मीन के उस छोटे से टुकड़े पर पूरा एक जहाँ फैला है…. बृज और गौरा की दुनिया जिसमें सपने रूप बदल तितली से उड़ा करते हैं। पानी के इंजन की धक-धक और काले धुएँ में, बहते पानी में, धरती में दबते बीज में, अंकुरण में और नवांकुर के ऊपर आने में अनगिनत…

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बड़े लोकेर बेटी लोग

बड़े लोकेर बेटी लोग यह बहुत पुरानी बात नहीं है। एक शहर में एक व्यापारी परिवार था। धन दौलत, ऐशो–आराम की कोई कमी नहीं थी। दूसरे विश्व युद्ध के समय कपड़ों के व्यापार में अच्छी आमदनी हुई। पूरे शहर में एक ही कोठी थी-पीली कोठी। घर के सामने बगीचा, शेरों वाली मूर्ति और संगमरमर का…

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