सपनों का भारत

सपनों का भारत भारत अथवा हिंदुस्तान का नाम सामने आते ही ऐसे देश की कल्पना साकार हो उठती है जो अपनी प्राकृतिक संपदा, नैसर्गिक सौन्दर्य एवम अथाह धन धान्य से परिपूर्ण है। अपनी सांस्कृतिक विरासत एवम ज्ञान के अकूत भंडार से मालामाल है । अपनी शांतिप्रियता एवम वसुदेव कुटुम्बकम की अति प्राचीन धरोहर का पालन…

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छोटा कद, ऊँचा व्यक्तित्व

छोटा कद, ऊँचा व्यक्तित्व देश को आजादी मिले बीसेक बरस हुए होंगे, जब हमने एक छोटे शहर के एक छोटे स्कूल में पढ़ाई शुरु की थी। तब देश कितनी समस्याओं से जुझारू होकर लड़ रहा है, नहीं पता था। लेकिन देश के दूसरे प्रधानमंत्री की मौत पर स्कूल के प्रांगण में एक छोटी सभा हुई…

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बढ़ते कदम : 1947 से आज तक

बढ़ते कदम : 1947 से आज तक स्वतंत्रता संग्राम, आजादी की लड़ाई, गुलामी से मुक्ति, स्वराज्य – ये मात्र शब्द नहीं हैं। इनसे हमारे भावनात्मक संबंध हैं जो आज से 73 साल पहले 15 अगस्त, 1947 को पूरे हुए। एक कड़े संघर्ष के बाद देश अपने लिए खड़ा था, अपने पैरों पर। अपना राज्य, अपनी…

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प्रेमचंद की युग चेतना

प्रेमचंद की युग चेतना कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद का साहित्य हिंदी साहित्य के इतिहास में टर्निंग प्वाइंट के रूप में माना जाता है ,जहां साहित्य जीवन और समाज के यर्थाथ से जुड़ता है ।प्रेमचंद्र का उद्देश्य जीवन और समाज को समझना था। उनकी पैनी दृष्टि जीवन के अनछुए पहलुओं को हमारे सम्मुख लाती हैं ,जो…

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मजदूर

मजदूर जबसे लॉकडाउन शुरू हुआ है मोंटी की तो चांदी ही चांदी हो गई है। होमवर्क, स्कूल से पूरी छुट्टी।आराम से पूरा दिन घर में मम्मी पापा के साथ मजा ही मजा।जो मन हो वही मम्मी से बनवा के खाओ। और तो और शूटिंग का भी सिरदर्द नहीं। नहीं तो पढ़ाई के साथ साथ शूटिंग…

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मुंशी प्रेमचंद

मुंशी प्रेमचंद मुंशी प्रेमचंद किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं उनका कथा संसार इतना समृद्ध है कि यदि कोई साहित्य सरिता मे डूबना चाहे तो उसका रोम रोम अमृत मय हो जाए।गोदान गबन सेवा सदन निर्मला जैसी ऐसी कई कालजयी कृतियाँ मुंशी प्रेमचंद ने भारतीय साहित्य को दिए हैं जिसके लिए हिन्दुस्तानी साहित्य उनका ऋणि…

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प्रेमचंद – कलम के महान सिपाही

प्रेमचंद – कलम के महान सिपाही प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक थे । आनन्दी देवी तथा मुंशी अजायबराय के घर ३१ जुलाई १८८० को बालक धनपत राय का जन्म हुआ जो कालांतर में प्रेमचंद, नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से…

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मुंशी प्रेमचंद भी कोई लेखक है

मुंशी प्रेमचंद भी कोई लेखक है बात उन दिनों की है जब मैं स्कूली छात्र था। गांव में सरकारी स्कूल की पढ़ाई का स्तर बहुत अच्छा था । हमारे सभी शिक्षक बेहद कुशल और ज्ञानवान थे। मुझे हिंदी अध्यापक ज्यादा पसंद थे क्योंकि उनका समझाने का ढंग बेहद सरल और रोचक था। एक दिन उन्होंने…

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‘ईदगाह’ मेरी पसंद

‘ईदगाह’ मेरी पसंद ‘ईदगाह’ हिन्दुस्तान के महान कहानीकार मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी है। यह मुझे इसलिए बहुत अच्छी लगती है क्योंकि इस कहानी का मुख्य किरदार एक छोटा सा बच्चा है हामिद । यह अपनी दादी के पास रहता है क्योंकि उसके मां-बाप दोनों की मौत हो चुकी है। बचपन के सामान्य सपने व…

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नमक का दरोगा

नमक का दरोगा प्रेमचंद की सभी कहानियों में से “नमक का दरोगा” कहानी मुझे बहुत प्रभावित करती है। यह कहानी इस तथ्य को पुख्ता करती है कि ईमानदारी, नेक इरादे और सद्भाव रखने वालों को थोड़ा कष्ट जरूर सहना पड़ता है, परन्तु अंततः अंजाम हमेशा ही अच्छा और सकारात्मक होता है। यह कहानी धन और…

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