शहीद-ए-आजम

शहीद-ए-आजम ” वेदना में एक शक्ति है, जो दृष्टि देती है। जो यातना में है, वह द्रष्टा हो सकता है।”- यह अज्ञेय द्वारा रचित “शेखर एक जीवनी- भाग एक” पुस्तक की पहली पंक्ति है। सत्य है, वेदना मनुष्य को अन्याय का प्रतिकार करना, उसके विरुद्ध मोर्चा लेना और कभी -कभी जान की कीमत लगा कर…

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सुभाषचन्द्र बोस–देश का गौरव

सुभाषचन्द्र बोस–देश का गौरव भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन का इतिहास हजारों स्तवत्रता सेनानियों, देशभक्तों, युवा ओ के बलिदान का साक्षी रहा है, गांधी के पदचिह्नों पर चलने वालों ने जहां सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाया वहीं युवा जोश और उत्साह से भरे कुछ देशभक्तों ने बलिदान और संघर्ष का रास्ता चुना, ऐसे महान सेनानियों में…

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क्रांतिवीरों का तीर्थ स्थल : सेल्युलर जेल

क्रांतिवीरों का तीर्थ स्थल : सेल्युलर जेल   यह तीर्थ महातीर्थों का है.. मत कहो इसे काला पानी.. तुम सुनो यहाँ की धरती के.. कण कण से गाथा बलिदानी. प्रखर राष्ट्रभक्ति की ये पंक्तियां भारत वर्ष के स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानी श्री गणेश दामोदर सावरकर जी के होठों पर तब भी सजी हुई थी…

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कम ज्ञात नारी स्वतंत्रता सेनानी

कम ज्ञात नारी स्वतंत्रता सेनानी भारतीय स्वतंत्रता का इतिहास कुछ ऐसी वीरांगनाओं की शौर्य गाथाओं से भरा पड़ा है जिसे पाठ पुस्तकों में कोई स्थान नहीं मिला है और जिसकी चर्चा भी शायद ही होती है। उन्हीं में से कुछ पन्नों की धूल को हटाकर मैं दो वीर माताओं की कहानियाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ,…

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भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महिलाएं

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महिलाएं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका को सराहा तो गया है लेकिन उन्हें इतिहास में उचित स्थान नहीं दिया गया। इन महिलाओं ने स्वतंत्रता अर्जित करने के लिए पुरुषों से कंधे से कन्धा मिला कर संघर्ष किया। अतः ब्रिटिश राज़ में भारत के लिए स्वतंत्रता संघर्ष में महिलाओं के…

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खोयी हुई आजादी…

खोयी हुई आजादी… भीतर गहराई से हम स्वतंत्र प्राणी हैं। लगभग। जन्म के समय हमारी स्वतन्त्रता का बोध कराने के लिए, हमें बंधन मुक्त करने को नाभि की नाड़ भी काट दी जाती है, इसी तथ्य को दर्शाते हुए कि हमारा मूल संबंध स्वयं से होता है, न कि अन्यों से। ‘स्व-तंत्र’ का मतलब है…

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माटी का सपूत

माटी का सपूत देशभक्ति अपने उबाल पर थी, जय हिंद के नारों से गली-गली, मोहल्ला-मोहल्ला गूंज उठता था, समूचा देश एक क्रांति के दौर से गुजर रहा था । आए दिन देशभक्ति और वीरो की हुंकार देश की जनता के प्राणों में नये जोश भर देती थी, देशभक्तों की टोलियों द्वारा योजनाएँ बनाकर ट्रेनों पर…

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पूर्ण स्वराज के प्रणेता

पूर्ण स्वराज के प्रणेता “मरण” और “स्मरण”- इन दो शब्दों में यों तो “स्” अक्षर का ही अंतर है, परन्तु, इस छोटे से शब्द को कमाने के लिए जीवनपर्यंत लोकहित और आदर्शवादी विचारधाराओं पर चलना पड़ता है,जिसके महत्वपूर्ण उदाहरण हैं, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक।1अगस्त,2020 को उनके पुण्यतिथि की शताब्दी मनायी गयी।बहुआयामी प्रतिभा के धनी लोकमान्य…

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भारत की बातें

भारत की बातें ये भाषण भी ले लो, ये राशन भी ले लो, हमें मत सुनाओ तुम्हारी कहानी, सुनाओ हमें सिर्फ़ भारत की बातें. वो गीता की गरिमा, वो वेदों की बानी। वो भारत का दुनिया को रस्ता दिखाना, वो शांति, अहिंसा की राहों पे जाना, वो चाणक्य, अकबर, शिवाजी, वो राणा, वो झांसी की…

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वीरता और विद्वत्ता का अद्भुत समन्वय

वीरता और विद्वत्ता का अद्भुत समन्वय मेरे जीवन की क्षुधा, नहीं मिटेगी जब तक मत आना हे मृत्यु, कभी तुम मुझ तक… भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन भारतीय इतिहास का स्वर्णिम युग है। भारत की धरती पर जितनी भक्ति और मातृभावना उस युग में थी, उतनी कभी नहीं रही। 1857 की क्रांति के बाद हिंदुस्तान की धरती…

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