अयोध्या:इतिहास के आईने में
अयोध्या:इतिहास के आईने में हे राम, जीवन एक कटु यथार्थ है और तुम एक महाकाव्य ! तुम्हारे बस की नहीं उस अविवेक पर विजय जिसके दस बीस नहीं अब लाखों सर – लाखों हाथ हैं, और विभीषण भी अब न जाने किसके साथ है. इससे बड़ा क्या हो सकता है हमारा दुर्भाग्य एक विवादित स्थल में…