वही होगा मेरा पति

वही होगा मेरा पति कड़कड़ाती धूप में मेहनत करती यमुना पसीने से तर-बतर हो रही थी। तभी खाना खाने की छुट्टी हुई। इतने शरीर तोड़ परिश्रम के बाद उसे जोरों की भूख लगी थी। आज माँई ने क्या साग भेजा होगा, सोचते हुए उसने अपना खाने का डब्बा खोला। वह देखकर हैरान रह गई कि…

Read More

पूर्णाहुति

पूर्णाहुति “आज बदन टूट रहा है।रात को सिर्फ दूध ही दे देना”, ८५ वर्षीय बृजभूषण जी ने श्याम सुन्दर से कहा।श्याम और बृजभूषण के बीच कोई सांसारिक रिश्ता नहीं था। बृजभूषण जी, जिन्हे परिचित प्यार से बाबू जी कह कर सम्बोधित करते थे, अत्यंत लोकप्रिय थे। उन्होंने अपना सारा जीवन एक निस्वार्थ निष्काम भाव से…

Read More

आजादी का अमृत महोत्सव :राष्ट्र प्रथम ,सर्वदा प्रथम

आजादी का अमृत महोत्सव :राष्ट्र प्रथम ,सर्वदा प्रथम   इस वर्ष,15 अगस्त 2023 को भारत ” राष्ट्र प्रथम, सर्वदा प्रथम ” की थीम के साथ 77वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहा है । इसके साथ ही यह खड़ा है-आजादी के अमृत महोत्सव की उत्सवभूमि पर।आज़ादी के अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा की शुरुआत 12 मार्च ,…

Read More

भोर की प्रतीक्षा

भोर की प्रतीक्षा आज प्लेटफार्म पर कुछ ज्यादा ही भीड़ थी,शायद कोई रैली जा रही थी..पटना,लोग दल के दल उमड़े चले आ रहे थे ,हाथों में झंडे ,छोटे बड़े झोले,गठरियाँ लादे हुए …मुफ्त में यात्रा कर ,कुछ रूपये बचाने के लिए बेबस मजबूर लोग भी थे।तोकुछ ऐसे लोग भी थे जो रैली के बहाने बिना…

Read More

इंसानियत 

इंसानियत  घर में ख़ासी चहल – पहल थी।रवि ने आफिस से आते ही पूछा , माँ पैकिंग वग़ैरह सब हो गई क्या?सविता जी ख़ुशी से बोली, हाँ -हाँ ,बस रामू मिठाई और फल लाने गया है , आता ही होगा ।हमेशा बाबूजी यानी रमेश जी चुपचाप चश्मा पहन कर अख़बार हाथ में लिए पढ़ते रहते…

Read More

परिणति

परिणति   अभी थोड़ी देर पहले जाकर घर का काम निपटा है। चलो अच्छा हुआ महरी भी आकर चली गई। चैन की सांस ली मैंने।अब दो घंटों की छुट्टी। रोहित चार बजे तक आएगा और उसके पापा आठ बजे तक।अपने कमरे में आकर मैंने एक पत्रिका उठाई और पेज पलटने लगी।तभी मोबाइल बज उठा।किसका हो…

Read More

न्याय

न्याय शहर के पाॅश इलाके में बड़ी कोठी, गेट पर खड़े चौकीदार,घर में नौकर- चाकर, शान और शौकत, सजा हुआ बगीचा, किसी चीज की भी कमी नहीं, होगी भी क्यों ना, यहां के डी.एम का जो बंगला था।दरवाजे पर बड़ा सा नेम प्लेट लगा था सुनहरे तख्त पर काले अक्षरों में लिखा था “अनामिका चौधरी”…

Read More

सेवानिवृत्त

सेवानिवृत्त   “कनिका एक गिलास पानी लाना। आज बहुत थक गया हूँ ।” सोफ़े पर बैग रखते हुए युग ने अपनी पत्नी से कहा । “आप बैठिए । अभी लाई ।” कनिका ने युग से कहा । कनिका ने ट्रे में रखे पानी के गिलास और सोनपापड़ी को आगे बढ़ाते हुए युग से कहा, “…

Read More

और भी है राहें

और भी है राहें आज सुबह नाश्ता करते हुए शालिनी माथुर सोच रही थी कि रेशमा अभी तक नहीं आई। पता नहीं क्या बात है?सुबह के नौ बज गए है।वो तो आठ बजे ही चली आती है।नहा कर मैंने नाश्ता भी कर लिया, पर रेशमा न जाने अभी तक क्यों नहीं आई ।दस बजे रेशमा…

Read More

सिंदूर की रेखा

सिंदूर की रेखा   आज चंद्रमुखी 65 वर्षीय महिला, अपने किरायेदार विक्की बाबू के साथ बैंक जा रही थी, वर्ष में एक बार लाइफ सर्टिफिकेट के लिए जरूरी होता है जाना।तिमंजले घर मे चार किरायेदारों के परिवार के साथ अकेली ही जीवन बीता रही हैं।   सुबह 11 बजे बैंक पहुँच गयी। पूछताछ करने के…

Read More