प्यारी बेटी
हालाँकि सरकार ने कोरोना सम्बंधित नियमों में काफ़ी छूट दे दी थी, लेकिन अमित की बेटी अंकिता के ऑफिस वालों ने अभी भी घर से ही काम करने को प्राथमिकता दी थी।अमित की पत्नी सरला एक स्कूल में अध्यापिका थीं और शाम होने से पहले घर आ जाती थीं ।इसलिए ऑफिस से शाम को घर लौटने पर अमित को सरला के साथ बेटी अंकिता को भी घर पर देखने की आदत सी लग गयी थी।
एक दिन जब अमित शाम को घर लौटा तो घर में अंकिता नहीं दिखी ।अमित ने सरला से पूछा “अंकिता नहीं दिखाई दे रही, कहाँ है ?” सरला ने कहा “वह आज दोस्तों से मिलने बाहर गयी है ।”
अमित ने कपड़े बदले और सरला से कहा “मैं पार्क में टहलने जा रहा हूँ ।तब तक अंकिता भी आ जाएगी, फिर साथ में खाना खाएंगे।” अमित जब घर लौटा, तब तक अंकिता घर नहीं लौटी थी।इतने में बारिश भी शुरू हो गयी ।अमित ने अंकिता को फ़ोन किया यह जानने के लिए कि वह कहाँ है और कितनी देर में घर आएगी।” अंकिता ने बताया “वह रास्ते में है और थोड़ी देर में घर पहुँच जाएगी ।” कुछ समय बाद अंकिता भी घर आ गयी।अमित ने देखा अंकिता पूरी तरह से भीग गयी थी।अमित ने कहा “बेटा, तुम तो भीग गयीं।तुम्हारे पास छाता नहीं था तो मुझसे कहा होता, मैं छाता लेकर बस स्टॉप तक आ जाता ।चलो जल्दी से कपड़े बदल लो नहीं तो सर्दी लग जाएगी ।”अंकिता धीरे से चलकर आयी और सरला के हाथ में एक बैग रख दिया।सरला ने बैग खोला तो देखा कि बैग से कुकर का ढक्कन झाँक रहा था।सरला ने आश्चर्यचकित होकर पूछा “यह क्या है?” अंकिता ने गीले कपड़ों की परवाह ना करते हुए अपनी माँ के गले में बाहें डाल दीं और कहा “माँ, कुकर की सीटी खराब हो गयी थी ना? जिससे आपको खाना बनाने में अधिक समय लगता था और स्कूल के लिए देर भी हो जाती थी।इसलिए आज मैं ऑफिस का काम पूरा करने के बाद कुकर की सीटी ठीक कराने बाज़ार चली गयी थी।”
सरला के चेहरे से साफ़ लग रहा था कि उसे कुछ भी समझ में नहीं आया ये आख़िर हो क्या रहा है ?उसने पूछा “लेकिन तुमने तो कहा था कि अपने दोस्तों से मिलने जा रही हो ?”
“वह तो मैंने आपको सरप्राइज़ देने के लिए कहा था।” यह कहकर अंकिता हँसते हुए अपनी माँ से लिपट गयी।सरला से कुछ भी कहते ना बना।उसने अंकिता को ज़ोर से बाहों में भरकर उसके माथे को प्यार से चूम लिया।
प्यारी बिटिया की बातें सुनकर अमित की आँखों में धुंधलका छा गया और उसे आशीर्वाद देने के लिए उसके हाथ उठ गए।
आलोक मिश्रा
सिंगापुर