मेरे राम
राम मेरे तुम हो रागी -अनुरागी
जिनसे मिले बने संगी साथी
जीवन भर के रहे सहारे
बिन धन -धान- साधन के
योग – संयोग तुमसे सब बनते
सुख दुःख के पल आते जाते
जन्म- मृत्यु के चक्र सुधरते
राम नाम के सुभाग अनन्ते
सूर्य वंश का तेज झलके कर्मों में
कभी न डरें गहरी धूप – छाँव से
कर्म- व्यवहार किये नीति धर्म से
मर्यादा के बाँधे घेरे मन संयम के
राम सुभाव है धीर गंभीर मानस का
चित्त है ऊँचा,सोचा विचार भी ऊँचा
मन -वचन -कर्म से त्रिगुनातीत,
हैं तुलसी के पुरुषोत्तम राम –
दया, कृपा – अनुग्रह दाता राम
सबके सखा बने प्रभु राम
दिन -हीन – वनवासी,नर -नारी
क्या पंछी क्या- जीव जंतु -वन चर
कौन नहीं बने राम के सहचर
बिन राज पाट भी न राम अकेले
सत्य, नीति, मर्यादा की राह पर चलना
नहीं आसान राह त्याग -तपस्या की
राम चरित है जीवन संघर्ष की गाथा,
समझे मानस वही जाने मर्म रामकथा
— राम नाम का मंत्र जपना गर जप है
राम की राह पर चलना भी तप है
मुक्ति- मोक्ष कल्याण राम नाम से है
जीवन सरल सहज बने त ब ही
राम की राह पर चलें तब ही
महिमा शुक्ला
इंदौर,मध्यप्रदेश
धन्यवाद, 💐