मार्गरेट मीड
सर्वविदित है कि मानव से अधिक अस्थिर मति, विविध क्रिया कलापों में व्यस्तता एवं परिवर्तित मानसिकता जैसा अन्य कोई जीव पृथ्वी पर नहीं।समय समय पर मानवशास्त्रियों ने अनेक अध्ययन और सर्वेक्षण भी किये थे,जिनके भिन्न परिणाम सामने आये थे।
मार्गरेट मीड एक ऐसी मानवशास्त्री, जिन के महान व्यक्तित्व ने उन का कद इतना ऊँचा कर दिया कि उसकी श्रेष्ठता ने उन के व्यक्तित्व, स्पष्टवक्ता को ही नहीं वरन् उनके वैज्ञानिक कार्यों की प्रकृति को भी मूल्य प्रदान किया।
मार्गरेट मीड का जन्म 16 दिसम्बर 1901.में फि़लाडेलफिया, पेनसिलवानिया में हुआ था |
एक मानवशास्त्री के रूप में मार्गरेट मीड को विशेष प्रसिद्धि प्राप्त हुई, जो उन्होने ओशिनिया के अशिक्षित लोगों , विशेषकर,विविध मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक अवस्थाओं में यौन व्यवहार,उनके स्वाभाविक व्यक्तित्व, और सांस्कृतिक परिवर्तन पर कार्य करने से हुई।एक परिचिता हस्ती के रूप में उन्होंने सर्वाधिक महिलाओं के अधिकार,बच्चों के पालन-पोषण, यौन संबंधी आदर्श, आणविक प्रगति, जातिगत संबंध,नशा, जनसँख्या नियंत्रण , वातावरण में प्रदूषण और संसार भर में भूख के विषय पर आ़वाज़ उठाई ।
उन्होने डी पाॅ यूनिवर्सिटी,वरनार्ड कालेज से स्नातक (बी,,ए)और कोलम्बिया यूनिवर्सिटी से एम,ए, फिर पी,एच,डी की डिग्री प्राप्त की।वे अमरीकन ,सांस्कृतिक माऩवशास्त्री थीं जिन्हें 1960 से1970 में मास मीडिया द्वारा बार बार लेखिका और वक्ता के रूप में प्रस्तुत किया गया था।लूथर क्रेस्मैन मार्गरेट मीड के पहले पति थे, वैसे उन्होने तीन विवाह किये थे पर अन्तिम काल मे अकेली ही थीं, बस एक बेटी ही थी।
फ़रैन्ज बोआस को मानवशास्त्र का पिता समझा जाता है,उन्होनें वैज्ञानिक तरीकों ,शोध कार्यों आदि पर विशेष बल दिया था। वे मार्गरेट मीड के अच्छे मित्र थे।स्वाभाविक इतिहास का अमरीकन संग्रहालय न्यूयार्क सिटी में काम करते करते विज्ञान में भी उन्होने सहयोग दिया।विज्ञान की प्रगति के लिये अमरीकन संस्था ने मार्गर्रेट मीड को वहाँ का मुख्य बना दिया था।
1979 में मार्गरेट मीड को उनकी मृत्यु के पश्चात उन्हें Presidential Medal of Freedom,the United States, highest civil honor से सम्मानित किया गया।वैसे 1970 में उन्हे कलिंग पुरुस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
1-उन का प्रसिद्ध सिद्धांत था, छप जाना….बच्चे बडे़ लोगों का व्यवहार देख,वही सीखते है, वह व्यवहार उन के मस्तिष्क में छप जाता है।उन्होने प्रकृति और प्रशिक्षण, पुरुष और स्त्री के विषय में विवेचन किया कि समाज में मातृत्व नर और नारी के कर्तव्यों , कार्यों को सहारा देता है।
2-एक मानवशास्त्री के रूप में मार्गरेट मीड ने बचपन, किशोरावस्था, लिंग के विषय में काफी़ कार्य किया, सांस्कृतिक, व्यक्तित्व का अध्धयन किया। फोटो, फिल्म और मनोवैज्ञानिक अध्धयन की सहायता से कार्य आगे बढा़या, कुछ स्त्री और पुरुषों के शोध कार्यों से भी सहायता मिली ,यह बडी़ उपलब्धि थी।
3- उन्होने आकलन कर के पाया कि प्रत्येक संस्कृति में नर और नारी के व्यवहार में भिन्नता पाई जाती है जो स्वाभाविकता से भिन्न है। मीड ने सर्वेक्षण किया कि नर और नारी दोनों में ही “Arapesh’ (अर्पेश) नामक स्वभाव पाया जाता है जो, सब्र, प्रतिक्रिया और सहयोग करने वाला होता है।
मार्गरेट मीड ने टाऊ नामक टापू में 68 लड़कियो का अध्ययन किया और निष्कर्ष निकाला कि किशोरावस्था तनावपूर्ण समय नहीं है, यदि पश्चिमी समाज में किशोरावस्था में होने वाले “तनाव और तूफा़न ” के साथ तुलना की जाये तो उन्होने इस अंतर का श्रेय सांस्कृतिक कारणों को दिया है ।
5- मार्गेट मीड के शोध का मुख्य परिणाम यह भी था कि लिंग संबंधी कार्य शारीरिक रचना के आधार पर ही नहीं वरन् सामाजिक प्रभाव के कारण भी होते हैं, देखा जाता है कि प्रत्येक समाज में स्त्री और पुरुष अपने भिन्न भिन्न प्रकार के व्यवहार प्रतिमान रखते है।
6- मार्गेट मीड ने महिला आंदोलन में पर्याप्त कार्य किया है। आंदोलन की दूसरी लहर के समय मुख्य सहयोगी
मानी जाती है।उनके कार्य ने स्पष्ट रूप ने यौन क्रिया और लिंग का क्षेत्र या अंतर के मानवीय विचार को स्पष्ट कर दिया था।
7 – मार्गेट मीड प्रारम्भिक अमेरिकन मानवशास्त्री थीं जिन्होने आधुनिक मनोवैज्ञानिक तकनीकों, और सिद्धान्तों का प्रयोग किया, विश्वास था कि मानवीय व्यवहार के कुछ रूपों पर संस्कृति का प्रभाव अवश्य पड़ता है।
8-मार्गेट मीड एक मानवशास्त्री, शोधकार, लेखिका,शिक्षिका ,जिन्होंने अमरीकियों को मानव व्यवहार की जटिलता को समझने के लिये अन्य संस्कृतियों को समझना सिखाया।
उनकी पुस्तक कमिंग आँफ एज इन समोआ (1928) बेस्ट सेलर रचना और सैद्धांतिक विवेचन की अपेक्षा उनके मानवीय निरीक्षण की चारित्रिक उदाहरण मानी जाती है। यह पुस्तक स्पष्ट रूप से सांस्कृतिक प्रतिबद्धता में उनके विश्वास को दर्शाती है, यह स्थिति बीसवीं सदी के मानवशास्त्रियों को उनके निरीक्षणों की बारीकियों और उनके निष्कर्षों की गम्भीरता पर प्रश्न उठाने पर बाध्य करती है।
मार्गेट मीड की प्रमुख रचनायें
Growing Up In New Guinea
Sex and Temprament in Three Primitive Societies
Balinese Character: A Photographic Analysis
Continuities in Cultural Evolution
Rap on Race
Some of her other works—
Male and Female a study of the sexes in the changing World
Anthropology : a human science
Culture and Commitment
A biography of that anthropologist: and Blackberry Winter
Letters from the Fields ..a selection of Mead’s correspondence written during the Samoa expedition.
15 नवम्बर 1978 को न्यूयार्क में उनकी मृत्यु हो गई थी।ट्रिनिटी एपिसकोपल चर्च बकिंघम पेनसिल़वानिया में उनको दफनाया गया|
मंजुला अस्थाना महंती
लेखक परिचय
त्रिभाषी लेखिका|
कालेज में वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर फिर हाई स्कूल की प्रधानाचार्या के पद पर कार्य |लेखक ,अनुवादक और सम्पादक।हिंदी और अंग्रेजी़ में सात पुस्तकें प्रकाशित।काव्य शिरोमणि अवार्ड,कवि सुमित्रा नंदन पंत स्मृति सम्मान,अटल बिहारी बाजपेयी अवार्ड, कवि रवीन्द्र नाथ टैगोर अवार्ड ,श्री राधा कृष्णन अवार्ड,, ग्लोबल वूमन अवार्ड, वूमन आफ़ एक्सीलेंस, वर्ल्ड अम्बैसेडर आफ पोयट्री एंड आर्ट, ( अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड), शिक्षण के क्षेत्र में अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार एशियन excellance एक्सेलेंस अवार्ड द्वारा आईकान आफ एशिया अवार्ड।कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित |