नारी अधिकारियों का मजबूत कंधा-एलिस पाॅल

नारी अधिकारियों का मजबूत कंधा-एलिस पाॅल

एलिस स्ट्रोक्स पाॅल का जन्म 11 जनवरी 1885 को न्यूजर्सी के माऊंट लार्रेल टाउन में हुआ। इनके पिता विलियम मिल पाॅल एक सफल व्यवसाई थे तथा विंथ्रोब परिवार के वंशज थे।इनकी मांँ टेसी पेरी पॉल सोसाइटी ऑफ फ्रेंड्स के आंदोलन में सक्रिय सदस्य थीं। एलिस दो बहन एवं दो भाई थीं | बहन हेलेन पॉल थी तथा भाइयों का नाम पैरी पाॅल और विलम पॉल था।पिता की मृत्यु के वक्त एलिस मात्र 16 वर्ष की थीं । इनके सभी रिश्तेदार बहुत रूढ़िवादी थे। एलिस ने स्वर्थमोर कॉलेज से 1905 में बी.एससी किया,जहांँ उसने जीव विज्ञान में महारत हासिल की।

बाद में उसकी सामाजिक विज्ञान में रुचि विकसित हुई। उन्होंने पहले वुड ब्रुक ग्रुप क्वेकर स्टडी सेंटर, फिर लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में पढाई की. उसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया से मास्टर की डिग्री हासिल की तथा यूनिवर्सिटी से पीएचडी किया। विश्वविद्यालय में उनका 1912 में शोध प्रबंध महिलाओं की कानूनी स्थिति पर था।कानून जानने के लिए उन्होंने एलएलबी,एल एल एम, डी सी एल किया, जिससे वे कानूनी लड़ाई लड़ सके।

एलिस मूलतःएक सफ्राजिस्ट थी. उन्होंने इंग्लैंड में महिला अधिकार के लिए भूख हड़ताल और अधिक कट्टरपंथी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

महिला सामाजिक और राजनीतिक संघ के साथ काम किया। अमेरिका में फिर से विरोध प्रदर्शन और रैलियों का आयोजन किया, जिसमें उन्हें तीन बार जेल जाना पड़ा। उन्होंने नेशनल वुमन पार्टी जॉइन की,आगे चलकर यह संगठन 1917 में राष्ट्रीय महिला पार्टी के रूप में विकसित हुआ। इनके एन.डब्ल्यू.पी.( नेशनल वुमेनस) राजनीतिक पार्टी के विरुद्ध एन डब्ल्यू एस ए पार्टी भी खड़ी थी। इन्होंने शांतिप्रिय एन.डब्ल्यू.पी.के साथ काम किया,जिससे संघीय संविधान संशोधन करने पर जोर दिया गया।इनके आंदोलन शांतिप्रिय होते थे।इनके और नेशनल वुमन सफरेज एसोसिएशन के बीच अक्सर गहन कट्टरता के बावजूद दोनों की रणनीति एक दूसरे की पूरक रही। इनका राजनीतिक दल राष्ट्रीय महिला पार्टी था।

पॉल को अपनी सक्रियता के लिए अक्सर पुलिस की बर्बरता और अन्य शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ा, उन्होंने हमेशा अहिंसा और साहस के साथ जवाब दिया। 1917 में व्हाइट हाउस के सामने साइलेंट सेंटिनल्स विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए उन्हें जेल में डाल दिया गया था, वह इंग्लैंड में भी महिलाओं के लिए मताधिकार में समानता कानून के आंदोलन के लिए जेल कई बार जेल जा चुकी थीं।

उन्होंने नारी के अधिकार के लिए लड़ते हुए, अमेरिकी संविधान के उन्नीसवे संशोधन के अभियान में मुख्य नेता और रणनीतिकार की भूमिका निभाई। इस संशोधन के कारण मतदान के अधिकार में यौन भेदभाव को समाप्त किया गया। इन्होंने इस अभियान में लुसी बर्न्स और अन्य लोगों के साथ महिला मताधिकार जुलुस और मूक प्रहरी जैसे आंदोलन किये, जो उस सफल अभियान का हिस्सा था।

1920 के बाद, पॉल ने नेशनल वुमन पार्टी के नेता के रूप में आधी सदी बिताई , जिसने महिलाओं के लिए संवैधानिक समानता को सुरक्षित करने के लिए पॉल और क्रिस्टल ईस्टमैन द्वारा लिखित समान अधिकार संशोधन के लिए लड़ाई लड़ी। 1964 के नागरिक अधिकार अधिनियम द्वारा भेदभाव के खिलाफ संरक्षित समूह के रूप में महिलाओं को शामिल करने के साथ उन्हें एक बड़ी स्थायी सफलता मिली ।इनकी लिखीं किताबें हैं ….

“कन्वर्सेशन विथ एलिस पॉल”

” वुमन सफरेज एंड इक्वल राइट्स अमेरिका”

 

वे जहनी तौर पर नारीवादी थीं। नारी के अधिकार के लिए लड़ने वाली फेमीनिस्ट नेता,जिसने स्त्रियों के मतदान के अधिकार के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन किए और अमेरिकी संविधान में अगस्त 1920 में संशोधन कराया|

पॉल ने समान अधिकारों के लिए जोर देना जारी रखा और अपने बाद के वर्षों तक वाशिंगटन, डीसी में नेशनल वुमन पार्टी मुख्यालय से काम किया

वर्ष 1974 में उन्हें स्ट्रोक का सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी

लंबी बीमारी के बाद 9 जुलाई 1977 को मूरस्टाउन में उनकी मृत्यु हो गई।

डॉ कमल वर्मा

छत्तीसगढ़, भारत

लेखक परिचय

एमबीबीएस, एफसीजीपी,डी एच ए पेशे से डॉक्टर,लेखिका छत्तीसगढ़ राज्य,आई.एम.ए. की (अभी तक)एकमात्र महिला अध्यक्ष, तथा लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित हैं।कविता की चार, तथा कहानी की एक किताब इनकी छप चुकी हैं।

साहित्य के साथ साथ समाज सेवा में भी रुचि है। इन्हें कई साहित्यिक एवं समाज सेवक संस्थाओं से सम्मानित किया गया है।

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