मेरे राम आ गए

मेरे राम आ गए

 

मेरे राम आ गए

प्रभु फिर लौट कर अपने

अयोध्या धाम आ गए

मुकुट माथे सजा कर अब

मेरे श्री राम आ गए

 

जगमग हुई अयोध्या नगरी

प्राण प्रतिष्ठा हो रही

ग्रहण है पांच सदियों का

व्यथा उर की पुरानी है

हुआ अवतार सरयू पर

दबी इक इक निशानी है

 

मेरे प्रतिमान तुम राघव

तुम्ही आधार जीवन के

तुम्हीं विश्वास की पूंजी

हो पुरषोत्तम सकल जग के

लगा जय घोष रघुवर का

सफल जीवन बनाएंगे

 

लगा टिका निरंजन का

कपिल अक्षित चढ़ाना है

सजा रोली हल्दी कुमकुम

बधाई गीत गाना है

 

मेरे राम आ गए

अयोध्या धाम आ गए।।

एम. डी.यस. रामालक्ष्मी

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