जीवन और संघर्ष
विश्वव्यापी कोरोना महामारी ने यह तो समझा ही दिया है कि स्वास्थ्य ही धन है।स्वास्थ्य के अभाव में सभी सुख सु्विधाएँ व्यर्थ हैं।स्वस्थ व्यक्ति ही जीवन का उपभोग कर सकता हैव इच्छित लक्ष्य प्राप्त कर सकता है।अक्सर यह देखा जाता है कि कुछ लोग मौसम,खानपान व स्थान परिवर्तन से बहुत जल्दी प्रभावित हों जाते हैं वहीं कुछ अप्रभावित रहते हैं।कुछ के विषय में तो यहाँ तक कहा
जाता है कि उन्हें लौंग खाने से गर्मी हो जाती है तो इलायची खाने से सर्दी।यह इसलिए होता है कि उनमें रोग प्रति रोधक शक्ति कम होती है।प्रतिरोधक क्षमता यानि रोग रोकनेकी शक्ति। ईश्वर ने मनुष्य को स्वास्थ्य संतुलन बनाने के लिए रोग प्रतिरोधक शक्ति दी है।रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी प्रत्येक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
वर्तमान समय में जबकि मानव जाति कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही है रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना अति आवश्यक है।
प्रतिरक्षा प्रणाली में अंग कोशिकाएँ,टिशू,प्रोटीन आदि शामिल होते हैं।ये शरीर को सही ढंग से कार्य करने में मदद करते हैं तथा मानव शरीर को बीमारियों, संक्रमण, वायरस आदि से लड़ने में सहायता करते हैं। प्रतिरोधक शक्ति मजबूत होने पर व्यक्ति सेहतमंद तो रहता ही है मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहता है।मजबूत प्रतिरोधक शक्ति परिवार को बीमारियों से बचाने के साथ साथ आने वाली पीढ़ियों को भी स्वस्थ रहने में मदद करती हैं।जानलेवा बीमारियों से बचने और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जीवनचर्या में कुछ बदलाव आवश्यक हैं जिन्हें हमें अपनी आदत में शुमार करना चाहिए।
*सुबह की हल्की धूप में टहलने से विटामिन डी मिलता है जो हड्डियों के लिए गुणकारी होता है।
*योगासन, व्यायाम, पैदल चलना, खेलना कूदना
तैरना आदि लाभकारी होते है।सांस लेने और छोड़ने की क्रिया से हम प्राणवायु ग्रहण करते हैं।प्राणायम या श्वास संबंधी व्यायाम से श्वासतंत्रया फेफड़े मजबूत होते हैं।प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
*हमें अपने भोजन में पौष्टिक या फायदेमंद खाद्यपदार्थ शामिल करने होंगे।अंकुरित अनाज,मौसमी फल एवं
सब्जियाँ अनाज, दलिया एवं सत्तु लाभकारी हैं।आँवला,नींबू पानी, ब्रोकली, अदरक,लहसुन और शहद का सेवन करना फायदेमंद होता है।
*तनाव मुक्त जीवन जीने, भरपूर नींद लेने, पानी पीने, संतुलित वजन रखने और मद्यपान,धूम्रपान से बचने पर स्वस्थ जीवन जीया जा सकता है।
*प्रकृति प्रदत्त ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनका यथोचित मात्रा व उचित मार्गदर्शन में उपयोग करने से वे इम्यूनिटी
बढ़ाने में सहायक हो सकतीं हैं जैसे नीम,गिलोय, तुलसी,,काली मिर्च, लौंग, दालचीनी, कच्ची हल्दी इत्यादि।
*प्रतिरोधक क्षमता कृत्रिम रूप से यानि टीकाकरण जैसे माध्यमों से भी विकसित की जा सकती है।
*कोरोना महामारी से डरने की नहीं बल्कि सावधान रहने की आवश्यकता है। सेनेटराइज करने,बार बार हाथ धोने, ग्रीन टी व गरम पानी पीने ,खांसते व छींकते समय टिशू पेपर का उपयोग करने, जड़ी-बूटियों का काढ़ा पीने,भीड़ वाले स्थान पर न जाकर और सामाजिक दूरी अपनाकर हम कोरोना से खुद को बचा सकते हैं।
*यही नहीं हमें मानसिक दृष्टि से भी मजबूत होना होगा।सत्साहित्य, सुसंगति और ईश्वर भक्ति से हम अपने मनोबल को ऊंचा कर सकते हैं। हमें सामाजिक और आर्थिक रूप से भी खुद को मजबूत बनाना होगा।
कोरोना महामारी ने हमेँ यह भी समझा दिया है कि प्रकृति का संतुलन अगर बिगड़ गया तो भविष्य में हमें ऐसे कई संकटों का सामना करना पड़ सकता है।मानव अस्तित्व को बचाने के लिए हमें प्रकृति और पर्यावरण को दूषित होने से बचाना ही होगा। प्रकृति से सामंजस्य बिठाकर व खुद को सशक्त बना कर ही हम जीवन संघर्ष में विजयी हो सकते हैं।
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से खुद पूछे कि बता तेरी रज़ा क्या है।
आनंदबाला शर्मा
वरिष्ठ साहित्यकार
जमशेदपुर, झारखंड