चाय दिवस की बधाई

चाय दिवस की बधाई

न मौसम न पहर
न दुनिया की खबर !
ठहाकों की उधर उठती गिरती लहर
इथर ठुनकना मुनिया का बिन बात पर..
वो बहाने से पसरना
किसी का बिछावन
किसी का जमीन पर!
न खत्म होने वाले किस्से
चौके में आज पकते पकवान
औ सियासत की बहसबाजी पर..
फिल्मों की रूमानी कहानियां
औ फैशन के गलियारे पर..
गीतों के एकदा छुपे अफसाने
औ अब रूठे तराने पर
खुशियाँ घर की
यूँ सिमटी रहीं
माँ के हाथों की
चाय की एक गर्म प्याली पर !!



रानी सुमिता

साहित्यकार
पटना, बिहार

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