ये चाय की प्याली
हो लबालब ये चाय की प्याली,
छलके जबतब ये चाय की प्याली ।
जन्नतों का सुकून हो हासिल,
छू ले जो लब ये चाय की प्याली ।
पाँच बजते ही बस तलब उट्ठे ,
माँगे साहब ये चाय की प्याली ।
हसरतों से वो जब मुझे देखे,
इसका मतलब ये चाय की प्याली ।
लगता यूँ जैसे साथ है हमदम,
हाथ हो जब ये चाय की प्याली ।
घुल धुएँ में थकान उड़ जाये,
हमको तो रब ये चाय की प्याली ।
पीने वालों का दुनिया में ‘ रचना ‘,
एक मज़हब ये चाय की प्याली ।
रचना सरन
साहित्यकार