वन्दें मातरम्
_____________________________________
आओ बच्चों तुम्हें सिखाएं
जीवन है श्रमदान की
माँ भारती की मिट्टी है
मिट्टी है बलिदान की
वन्दें मातरम् वन्दें मातरम्
पावन पुण्य प्रेम धरा है
अन्न धन से पूर्ण भरा है
माँ भारती की रक्षा करना
रक्षा गृह किसान की
वन्दें मातरम् वन्दे मातरम्
लहरों पर कश्ती खेना
तुफ़ा दीया जला लेना
हर दम आगे बढ़ जाना
स्वाभिमान हिन्दूस्तान की
वंन्दे मातरम् वन्दे मातरम्
आँधी या तुफ़ान हो
स्वराज हमारा नारा है
दुश्मन को ललकारा है
जीवन है बलिदान की
वंन्दे मातरम् वन्दे मातरम्
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं
जीवन है श्रमदान की ।।
प्रतिभा प्रसाद कुमकुम
साहित्यकार