आखिर कब होगीं आजाद
इस बार का स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बार हमारे देश को एक सूत्र में बांधने के लिए सरकार द्वारा एक विशेष कदम उठाया गया, जिससे आज जाकर हम सब एक हैं । यह कहावत चरितार्थ हुई है। आजाद हुए 70 साल हो गए हैं लेकिन अगर देखा जाए तो देश का विकास भी काफी गति से हो रहा है लेकिन अभी भी कुछ मुद्दे हैं जो विचारणीय है जैसे नारी का दैहिक शोषण ।आज नारी आजाद हो गई है, अपने पैरों पर स्वयं खड़ी है लेकिन आज भी वह लोगों की कामुक नजरों से आजाद नहीं हुई है ।आज क्या बच्ची और क्या बड़ी किसी में कोई भेदभाव नहीं रहा ।कुछ गंदी मानसिकता के लोग या कहा जाए विकृत मानसिकता के लोग बच्चियों को भी नहीं छोड़ रहे हैं तो हमारा देश और समाज की नीव सुरक्षित नहीं हो सकती है ।तो हम किस तरह से आजाद हैं ।देश का विकास तो हुआ है लेकिन आज भी हमारे गांव का उतना विकास नहीं हुआ जितना होना चाहिए था ।आज भी हमारा किसान उतना ही गरीब है जितना पहले था क्योंकि किसान को उसका सही हक नहीं मिल पाता है।
आज भी हमारे देश के बहुत से गांव में शिक्षा का अभाव है। लोग कोशिश कर रहे हैं सरकार भी कोशिश कर रही है। लेकिन फिर भी हमारे विकास की गति उतनी नहीं है जितनी होनी चाहिए। लेकिन मुझे खुशी है कि मेरे देश में लोगों को शिक्षा का महत्व पता चल गया है इसलिए हर कोई वह अमीर हो या गरीब वह अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहता है और एक शिक्षित नागरिक ही एक शिक्षित राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। बहुत सारे मुद्दे जैसे बेरोजगारी एवं आतंकवाद नक्सलवाद इन सब से जूझते हुए भी हम सब अपनी जद्दोजहद में लगे हुए हैं और अपने देश के साथ साथ अपना भी सर्वांगीण विकास करने की दिशा में अग्रसर है। अगर हम अपने राष्ट्र को सही मायने में विकसित करना चाहते हैं तो हमें अपनी सोच भी विकसित करनी होगी और इसके साथ हमें लोगों को साथ लेकर चलना पड़ेगा ।अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए समाज के लोगों को सचेत करना होगा तभी हम अपने राष्ट्र का सर्वांगीण विकास कर सकते हैं और उसे आगे ले जा सकते हैं । मुझे गर्व है कि आज हमारा देश इन सब मुद्दों से जूझते हुए भी निरंतर विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है । आशा है कि बहुत जल्द हम सब जागरूक होकर समाज में जागरूकता फैलाकर एक नए समाज एक नए राष्ट्र का निर्माण करेंगे और देश को विकास की ओर ले जायेंगे।
सीमा वाजपेयी
डीसी लायंस क्लब
संस्थापक अध्यक्ष
कान्यकुब्ज महिला शाखा अनुभूति