“बुलंदियों के गगन में
लहराएँ तुझे शान बान से”
हम कौन थे ,क्या हो गये हैं और क्या होंगे अभी,
आओ विचारें आज मिलकर ये समस्यायें सभी ।
सोने की चिड़िया कहा जाने वाला भारत देश अगर गरीबी, अशिक्षा ,बेरोजगारी आदि मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है तो ऐसा कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा कि इतिहास और वर्तमान के रणनीतियों के सम्मिश्रण का प्रतिफल है । आजादी के बाद देश ने कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व तरक्की की ,जिसका सीधा लाभ करोड़ों लोगों को मिला परिणामस्वरूप उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है। लेकिन आजादी के 70 वर्ष पूर्णोपरान्त भी अगर कुछ समस्याएँ जो जड़ तक फैली हुई है और जिसका निराकरण नहीं हो पाया है ,तो उसका सम्मिलित श्रेय सरकार और जनता दोनों को जाता है । सरकारें इसलिए दोषी हैं क्योंकि वह एक ऐसी रणनीति नहीं तैयार कर पा रहीं जिससे तरक्की के रास्ते सहज और सरल हों एवं देश पुन: उत्थान की ओर अग्रसर हो । अगर करती भी हैं तो अशिक्षा अर्थात जानकारी के अभाव में समाज का वह वर्ग उस लाभ से वंचित रह जाता हैं, जिसका वो हकदार होता हैं ।
आज भी देश का एक बड़ा हिस्सा भरपेट खाना नहीं खा पाता , अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाता है, रोजगार के अवसर नहीं मिल पाते जिससे बेरोजगारी जैसी समस्यायें भी पैदा हो रही हैं। देश में युवा शक्ति होते ही हुए भी देश उसका सकारात्मक उपयोग नहीं कर पा रहा है, जिसके कारण लोग गलत रास्ते पर भटक जाते हैं। गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, बढ़ती जनसंख्या- ये कुछ ऐसी समस्यायें हैं जिनके लिए हमारे प्रतिनिधियों को जल्द ही कुछ ठोस कदम उठाना होगा ।
इन तमाम आंतरिक समस्याओं के साथ साथ देश नक्सलवाद, भ्रष्टाचार एवं वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से काफी व्यथित है । ऐसी समस्याओं के निदान हेतु हमलोगों को भी राष्ट्रीय हित में सरकार को सहयोग करने की आवश्यकता है । हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि हम अकेले क्या कर सकते हैं बल्कि हमें ये चाहिए कि हमारे हिस्से में जो हिंदुस्तान पड़ता है हम उसे ठीक रखें। ऐसी मानसिकता अगर हर व्यक्ति में होती है और उसका अनुसरण होता है तो भारत को पुनः विश्व गुरु होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा ।
उन्नति तथा अवनति प्रकृति का नियम एक अखंड है, चढ़ता प्रथम जो व्योम में गिरता वही मार्तण्ड है।
अतएवं अवनति ही हमारी कह रही उन्नति कला ..
उत्थान ही जिसका नहीं, उसका पतन ही क्या भला।।
डॉ. विकास सिंह
डीएम(कॉर्डियोलॉजी)
एफ ए सीसी, एफ एस सीएआई
डायरेक्टर 4ए हार्ट हॉस्पिटल, पटना