भारत की बातें

भारत की बातें

ये भाषण भी ले लो, ये राशन भी ले लो,

हमें मत सुनाओ तुम्हारी कहानी,

सुनाओ हमें सिर्फ़ भारत की बातें.

वो गीता की गरिमा, वो वेदों की बानी।

वो भारत का दुनिया को रस्ता दिखाना,

वो शांति, अहिंसा की राहों पे जाना,

वो चाणक्य, अकबर, शिवाजी, वो राणा,

वो झांसी की रानी, वो तात्या, वो नाना,

वो पद्मावती, वो अहिल्या, सुभद्रा,

सुनाओ हमें बस इन्हीं की कहानी।

वो बापू का रस्ता, वो गौतम की राहें,

भगत सिंह की फांसी पे रोती निगाहें,

वो लव-कुश सुनाते रामायण की बातें,

वो उपनीषदों की, पुराणों की बातें,

जहाँ सभ्यता जग में सबसे पुरानी,

वो कान्हा की राधा, वो मीरां दिवानी,

सुभाष, चंद्रशेखर से वीरों की धरती,

वो कटते सिरों पर गिरी रेत तपती,

बसी है जहाँ पर शहीदों की बस्ती,

जो फांसी के फंदे पे करते थे मस्ती,

ये गुलशन है जिसकी जवां है रवानी,

वतन मेरा भारत ओ मैं हिंदुस्तानी।

हवा में वो लहराता प्यारा तिरंगा,

वो यमुना, वो रावी, वो सतलज, वो गंगा,

वो सरहद की रक्षा को तत्पर हिमाला,

वो गुरुद्वारा, मस्जिद, वो ऊँचा शिवाला,

पखारे चरण जिसके सागर का पानी

’सरन’ के वतन की यही है कहानी।

✍️प्रो. सरन घई,
संस्थापक-अध्यक्ष,
विश्व हिंदी संस्थान, कनाडा

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