देश अपना
देश हो चाहे जैसा भी,
अपना देश होता है अपना l
बहुतों जाते विदेश आजकल,
ले आँखों में समृद्धि का सपना l
है अवश्य पूर्ण अधिकार उनको,
करने का अपने भाग्य की रचना l
परन्तु, देश हो चाहे जैसा भी,
अपना देश होता है अपना l
हजारों अपने स्वार्थ के लिए,
करते स्वीकार देश को बेचना l
उन्हें तिजोरी की सेवा छोड़,
कहाँ समय देश पर चिंतन करना l
पर देश हो चाहे जैसा भी,
अपना देश होता है अपना l
धन्य हैं वे लोग जिन्होंने,
देश को अपना सर्वस्व माना l
उनके लिए देश ही सर्वोपरि,
तुच्छ हैं संसार भर का सोना l
क्योंकि, देश हो चाहे जैसा भी,
अपना देश होता है अपना,
अपना देश होता है अपना l
कविराज बाबू
मॉरिशस