मेरे इश्क का रंग है केसरिया
देश मेरे …. रंगरेज मेरे
मेरे इश्क का रंग है केसरिया
तेरी आन की खातिर मैं न मरा
तो खाक यह जीवन मैंने जीया
देश मेरे……
कायर ने छुप कर वार किया
अस्मिता पर प्रहार किया
किंचित न गम है मिटने का
हाँ दुख है न योद्धा दिखने का
सीने में बहता विकल दरिया
मेरे इश्क का रंग है केसरिया
देश मेरे …..
आँखे है नम पर आस भी है
सीने में जुनून, विश्वास भी है
आँसू न समझना कमजोरी
रोया देखो आकाश भी है
असमय जो बिछड़ा मेरा पिया
मेरे इश्क का रंग है केसरिया
देश मेरे….
नापाको हमे मिटाओगे?
झूठे ख्वाब सजाओंगे?
हूरों की तुम आस लिए
दोजख में भी न रह पाओगे
ललकार तुझे ले अब है दिया
मेरे इश्क का रंग है केसरिया
देश मेरे….
कट के जो गिरा है सिर मेरा
वीरों की फसल लहलहायेगी
एक सिर के बदले सौ लेंगे
शहादत ये व्यर्थ न जाएगी
बन जाएगी विजय का यह जरिया
मेरे इश्क का रंग है केसरिया
देश मेरे…..
दहशतगर्दी के रखवालों
तुम प्रेम की कीमत क्या जानो
सब खो कर भी ‘लव यू’ के
जज़्बे को तुम कब पहचानो
प्रेम न तन से बंध के किया
मेरे इश्क का रंग है केसरिया
देश मेरे……..
मेरे इश्क का रंग है केसरिया…
डॉ निधि अग्रवाल