होली जोगीरा
आयो है मधुमास,
छायो है प्रभास,
सुरभित है उपवन,
अली करे रसपान,
बजाकर बांसुरी सी तान,
मैं कैसो करूं बखान,
जोगीरा सा रा रा रा….
जोगीरा सा रा रा रा….
पधारे ब्रज में अनंग,
देखन को रास रंग,
गोपीयन के अंग,
थिरकत हैं श्याम संग,
हर्षित वृंदावन धाम,
मैं कैसो करूं बखान,
जोगीरा सा रा रा रा…..
जोगीरा सा रा रा रा….
हरि करें प्रहास,
अब रास भयो महारास,
कृष्णमय हुआ दिगंत,
बाजे मधुर मृदंग,
उल्लसित हुआ जहान,
मैं कैसो करूं बखान,
जोगीरा सा रा रा रा….
जोगीरा सा रा रा रा….
स्मृति चौधरी