“मातृभाषा हिंदी”
“वर्तमान समय में प्रायः सब हिंग्लिश बोलते
हिंदी के एक वाक्य में तीन चार शब्द अंग्रेजी के होते हैं
आपसी मिलाप तो संस्कृति हमारी
हिंदी ने भी अंग्रेजी से मेलजोल स्वीकारी
मुश्किल फिर भी आई भारी
अंग्रेजी स्कूल और नेटफ्लिक्स ने और हालत बिगाड़ी
बच्चे अब दादा दादी से नहीं बतियाते
क्योंकि अब वे हिंदी बोल ही नहीं पाते
बच्चों को कैसे समझाएं संस्कृति हमारी
अब तो अभिभावकों की है जिम्मेदारी
बच्चों से हिंदी में बात करना रखे जारी
हिंदी को ना बनाएं बेचारी
हिंदी मातृभाषा है हमारी”
स्मिता माहेश्वरी
पुणे भारत