Happy Anniversary

जीवन साथी

जीवन पथ पर अकेली थी .
अल्हड सी थी अलबेली सी …
चलते चलते अनजानी राहों पर ..
मिल गए एक दिन तुम यूँ ही …
मेरे जीवन साथी बन कर …
बन मांझी पतवार थाम कर …
उतर पड़ी जीवन नदिया में ….
हाँथ थाम कर चल दी तुम संग ..
जिधर चले तुम उधर ही मुड़ कर …
वो लड़ते,झगड़ते,रूठते,मनाते …
प्यार मनुहार अविरल चलती …
नदिया सी बहती चली गई मैं ..
मुझे भी ना आभास हुआ …
कैसे बीता वो तीन दसक ..
आये कितने मधुमास पिया ..
देखे हमने कितने सावन …
बन प्रीत सरस बरसाती थी ..
तीन फूल खिले आँचल में। ..
फिर ममता का उपहार मिला
भूल नहीं सकती जीवन भर …
तुमसे वो जो प्यार मिला …
बहती रही निरंतर तुम संग …
दुःख सुख भी झेले मिल कर ..
कैसे मैं भूलूंगी सजना …
सम्मान दिया जो जीवन भर ..
पीछे मुड कर फ़िर ना देखी …
चलती ही रही अपनी पथ पर …
दुःख की घड़ियाँ सुख के बादल ..
चले सदा कंधे से मिल कर ..
यूँ तो कमियाँ बहुत थी मुझमें ..
किया सदा अनदेखा तुमने ..
कितनी ख़ुश हूँ मैं जीवन से … ..
शब्दों में बयाँ नहीं कर सकती ..
बिना तुम्हारे जीवन पथ पर ..
नहीं अकेले मैं चल सकती ..
बस एक गुज़ारिश है तुमसे …
ये जीवन सफल बना देना …
मेरी जीवन नैया भगवन ..
बस भँवर से पार लगा देना !!

मणि बेन द्विवेदी

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