मेरे बाबूजी
भोले भाले ,सीधे-साधे, सबसे अच्छे बाबूजी थे ।
दृढ़ प्रतिज्ञ, उज्जवल चरित्र, कर्म योग के योगी थे।
सबसे प्यारे सबसे अच्छे बाबूजी थे।
अनुशासित जीवन था उनका।
उच्च कोटि के शुद्ध विचार।
न्याय सदा करते थे।
सबसे प्यारे सबसे अच्छे बाबूजी थे । गहराई से सोच समझ कर कर,
बात समय पर करते थे,
समय के पारखी बाबूजी थे ।
सबसे अच्छे सबसे प्यारे बाबूजी थे।
स्नेह दुलार में, बचपन बीता
थपकी देकर मुझे सुलाते थे।
दया के सागर बाबूजी थे।
सबसे प्यारे सबसे अच्छे बाबूजी थे।
सबके सुख की कामना करते।
दुख में सबका साथ निभाते।
सब बच्चों के प्यारे थे।
सबसे प्यारे सबसे अच्छे बाबूजी थे। आशीष सदा वह देते रहते।
अब भी मेरे पास हो जैसे।
आशीष हरदम देते रहते।
मेरे सच्चे साथी थे वो।
सबसे प्यारे सबसे अच्छे बाबूजी थे।
मैं जो कुछ हूं उनसे ही हूं ।
उनकी प्रेरणा से प्ररित हो,
लेखनी मेरी चलती रहती।
सबसे प्यारे सबसे अच्छे बाबूजी थे।
मेरी रचना उन्हें समर्पित।
श्रद्धांजलि देते हैं उनको।
मार्गदर्शी वो मेरे थे।
सबसे प्यारे सबसे अच्छे बाबूजी थे थे।
छाया प्रसाद