आये मेरे प्रभु राम 

आये मेरे प्रभु राम 

 

आज अयोध्या नगरी सजी दीपों से है राम

हर दीप में जगमग करता है प्रभु का नाम

धरती पुण्य दिशायें गुँजे देखो ये आकाश

पावन सरयू लहर कहे पुनीत हुआ ये काम ।

 

पुण्य दिवस माघ द्वादशी आये मेरे राम

घर घर उत्सव गीत हो रहा आये प्रभु राम

भक्तन के हृदय सदा सिया संग हैं प्रभुनाथ

सत्य रूप कण कण में विराजे मेरे श्री राम !

 

धरती पुण्य दिशाएं गुंजती आये श्री राम

हिंद के गौरव प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम राम

अलौकिक अयोध्या गौरव है प्रभु का धाम

सत्य शील अगम अगोचर अनंत हैं मेरे राम !

 

हम राम के राम हमारे सुखद उल्लास हैं राम

अंधकार को रवि जीव मात्र में प्रकाश हैं राम

जीवन मर्यादा की पराकाष्ठा हिय की स्वांस

जीवन नैया पार पहुंचे वह पतवार हैं राम !

 

रक्षक ऋषियों के अहिल्या तारक सलोने राम

छोडे़ं राज मात पिता वचन मान राखे पुत्र राम

शबरी के बेर प्रेम से खाये विनम्र महान रघुनाथ

नूतन घर में कोदंड संग विराजिए मेरे प्रभु राम !

 

कर्त्तव्य परायण न्यायकर्ता ऐसे मेरे श्री राम

छवि आपकी मनोहरी शोभे सिया संग हैं राम

भाई लक्ष्मण दाहिने प्रभु चरणों पे श्री हनुमान

पंचसदी प्रतीक्षा बीता भावविभोर हूं मेरे राम !

 

आओ हम सब राम से सीखें कैसे होये काम

राम राज शुद्ध संयमी ब्रह्म परात्पर श्री राम

दैविक भौतिक सुखी जन औ हो विश्व शांति

लहराता रहे तिंरगा सदा जय जय सियाराम राम ।।

डॉ आशा गुप्ता श्रेया

जमशेदपुर, भारत

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