तेरे जैसा दोस्त कहाँ ‘
‘ तेरे जैसा दोस्त कहाँ ‘ मित्रता किसी भी इन्सान के जीवन की एक बेशकीमती धरोहर है।ईश्वर ने जिन्हें रक्त सम्बंध से नहीं बाँधा, उसे हमने प्रेम और अपनेपन से सींचा है और उसे ताउम्र विश्वास के धागे में पिरोकर हीरा की भांति सँजो कर रखा है। मित्रता ऊंच-नीच,जात-पांत,धर्म और उम्र के बंधन से परे…