कलियों को सुरभित होने दो

कलियों को सुरभित होने दो बीत गए पचहत्तर वर्ष देश को आजाद हुए, आ गया आजादी का अमृत महोत्सव काल। पर क्या सच में आजाद हुई आधी आबादी, क्या उसका भी चल रहा है स्वर्णिम काल? किया विचार किसी ने इस पर भी कभी? क्या सच में उन्नत हो रहीं नारी सभी अभी? आए दिन…

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लड़कियों की

लड़कियों की इन हाशियों से ऐसी निस्बत है लड़कियों की सूखे गले से गाना, आदत है लड़कियों की   तुम भेड़ियों से बद्तर, पर लूट न सकोगे किसने कहा बदन से, इज़्ज़त है लड़कियों की   पज़ तालिबानी फ़तवे, ज़द रूहें इंक़लाबी ज़ुल्मात में चमकना, ताक़त है लड़कियों की   इक ख़ुशगवार आँगन, दो फूल…

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मेरी भूलों को कर दो माफ

मेरी भूलों को कर दो माफ तुम्हारे प्रेम में आकंठ डूबी थी मैं , कभी किसी बात पर रुठी न थी मैं, तुमने मेरे पंख काट कर सहेज दिये थे , बिना पंखों के भी खुश थी मैं तुमने कहा था कि पहले तुम गगन छू लोगे , अपने सपने पूरे कर लोगे , मैंने…

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कड़ियाँ

कड़ियाँ सात वर्षों के बाद इस जगह से मेरी विदाई हो रही थी। हिन्‍दी टीचर के रूप में यह मेरी पहली पोस्टिंग थी। जिन बच्‍चों को मैंने नौ-दस साल में देखा था, अब वो बड़ी हो गई थीं। आभा और करूणा ने विदाई पर कुछ कहा नहीं, एक लिफाफा पकड़ा दिया, पहले की यादें ताजा…

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हिन्दी

हिन्दी हिन्द के हिन्दोस्तां की बेटी है.हिन्दी। भारत के ललाट की शोभा बिन्दी है हिन्दी। देवभाषा संस्कृत की पुत्री बनकर उपजी हिन्दी। सभी भाषाओं की अग्रजा बनकर आई है हिन्दी। सभी बोलियाँ संग साथ ले हिल मिल संग चले । अपने और परायों बीच संवाद बनी हिन्दी। भाषा जोड़ रही है सबको एक छत्र के…

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“मातृभाषा हिंदी”

“मातृभाषा हिंदी” “वर्तमान समय में प्रायः सब हिंग्लिश बोलते हिंदी के एक वाक्य में तीन चार शब्द अंग्रेजी के होते हैं आपसी मिलाप तो संस्कृति हमारी हिंदी ने भी अंग्रेजी से मेलजोल स्वीकारी मुश्किल फिर भी आई भारी अंग्रेजी स्कूल और नेटफ्लिक्स ने और हालत बिगाड़ी बच्चे अब दादा दादी से नहीं बतियाते क्योंकि अब…

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हिन्दी 

हिन्दी  बचपन मे तुतलाकर बोली,वो मधुर से बोल हिन्दी अम्मा ने ‘माँ’ ‘माँ’ सिखलाया,प्यार का रस धोल हिन्दी दिल से आंँगन तक बहती नद,प्रीत की वह जीत हिन्दी उत्तुंग हिम शिख की ऊंचाई,धवल मणिकांत सी हिन्दी हिन्द महासागर गहराई,रत्न जो निपजाय हिन्दी। इसमेंअमृत सी मिठास है,सूरज की उजास हिन्दी ‘भारतेंदू’ ‘प्रेम’ महावीर’,ने भरे भंडार हिंदी।…

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हिन्दी – राजभाषा या राष्ट्रभाषा

हिन्दी – राजभाषा या राष्ट्रभाषा हिन्दी भारत की आत्मा है। यह हर भारतवासी के अस्तित्व व अस्मिता की पहचान है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दी की प्रमुख भूमिका रही है। गांधी जी ने यह महसूस किया था कि हिन्दी के द्वारा ही लोगों को जोड़ा जा सकता है क्योंकि हिन्दी ज्यादातर लोगों के आम…

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हमारी मातृ भाषा हिंदी

हमारी मातृ भाषा हिंदी हिन्दी हमारी मातृभाषा सरल ,सुन्दर और प्रभावशाली। समृद्ध भी है, साहित्य अपार है। फिर भी उपेक्षित, निम्न, और कंगाल है।अपने बच्चों द्वारा ही तिरस्कार है। अभिवादन, प्रशंसा, धन्यवाद सभी पर, विदेशी का अधिकार है। धीरे-धीरे घरों मैं बढ़ रहा इसका व्यवहार है। लिखित कथन अंग्रेजी वर्णमाला पर निसार है। यही प्रगति…

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हमारी हिन्दी

हमारी हिन्दी हिन्दी भारत की हर श्वास है, इक नवीन विश्व की आस है। तन में बहता अरुण रक्त है, हर भारतवासी इसका भक्त है। हिंदी प्रेम-विजय की बोली, मानवता पनपी इसकी झोली। यही ग्रीष्म-शीत ऋतु बसंती, माँ देवी के माथे की बिंदी। वर्ण से शब्द, शब्द से वाक्य, हर भाव में भाषा महान है।…

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