काली मुन्नी

काली मुन्नी ”बड़ी भूख लगी है बुआ।आज मम्मी कहाँ हैं ? ” ”मम्मी अस्पताल में हैं।आपके एक और बहिनिया हुई है। ” बुआ के स्वर में व्यंग्य था, आँखों में उपहास।चाची की शह पाकर वह हंसी उड़ाने लगीं।ठीक वैसे ही जैसे लूडो के खेल में उसे हराने के बाद वह हँसती थीं। ”और अम्माजी ?…

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मसीहा

मसीहा “निगोड़ी न खुद सोती है न सोने देती है।पागल कुतिया सी चार दिन से रें रें रें रें लगा रखी है ।ऐ शब्बों जा ,उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दे ,कुछ तो आवाज़ कम आएगी । मेरा तो सर फटा जा रहा है ।” ” उसने चार दिन से खाना भी नहीं खाया है…

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डैडी होम

  डैडी होम दिशांत दौड़ता हुआ अस्पताल में आया और खून में लथपथ नवजात को आगे कर बोला “प्लीज इसे जल्दी भर्ती करिए, इसकी हालत बहुत खराब है, प्लीज सिस्टर!” नर्स ने बच्ची को लिया और तुरंत एन.आई.सीयू. में भर्ती कर लिया। वहां बच्ची का इलाज शुरु हुआ। दिशांत वहीं चहलकदमी कर रहा था। नर्स…

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चाहतें

चाहतें सुबह की चाय के लिए बालकनी में पहुँचते ही ,अवि समझ गया कि कल … नहीं सिर्फ़ कल नहीं ,कई दिनों के कड़वे पलों का भारीपन है। माँ के सामने चाय का प्याला अनछुआ ही पड़ा था और शिवि की आँखों का प्याला छलकने को आतुर ! बड़े ही सहज भाव से उसने चाय…

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चूड़ियों की खनक

  चूड़ियों की खनक रवि के पैर का उत्साह जैसे हवा से बात कर रहा था।घर जल्दी पहुंचने के लिए उसके पैर आतुर हो रहे थे। उसने कभी सोचा भी नहीं था कि वक्त के साथ हमें यू इतने लम्बे समय तक इस तरह अलग रहना पड़ेगा । पूरे एक वर्ष बाद आज उससे मिल…

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गिफ्ट

गिफ्ट आज पिंकी का जन्मदिन है। लोग आ रहे हैं और उसे विभिन्न प्रकार के गिफ्ट दे रहे हैं। पिंकी बड़े चाव से गिफ्ट लेती है, लेकिन पैकेट देखते ही मुरझाए चेहरे के साथ वह एक ओर रख देती है। मैं काफी देर से इस बात पर गौर कर रहा था। फिर मौका पाकर उससे…

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हत्या की शिनाख़्त का सपना

हत्या की शिनाख़्त का सपना कोई नींद में बोल रहा था. नहीं, ये रात के सन्नाटे में किसी के फ़ोन पर झगड़ने की आवाज़ नहीं थी, ये एक बहकी हुई बेहोश आवाज़ थी, मैं अचानक डर गयी. यह आवाज़ नशे में बहकी हुई नहीं थी, नींद में बेहोश थी, लस्त पस्त। मैं उसे पहचानती थी….

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मासिक धर्म को हीन दृष्टि से देखने वाले समाज में रोशनी के किरण बनते ये युवा

मासिक धर्म को हीन दृष्टि से देखने वाले समाज में रोशनी के किरण बनते ये युवा मासिक धर्म एक सामान्य प्रक्रिया है और प्रकृति की महिलाओं को देन है , महिलाओं को प्रकृति ने नव सृजन का जो वरदान दिया है वह मासिक धर्म के बग़ैर संभव नहीं है । परंतु उसी मासिक धर्म के…

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ममता कालिया

ममता कालिया ‘ममता से मिलने चलोगी? मुझसे पूछ रहे थे आदरणीय रवींद्र कालिया जी डायरेक्टर ज्ञानपीठ ‘9 साल छोटी पत्नी’ ‘गालिब छुटी शराब’ फ़ेम के लेखक जिन्हें हमने बचपन से पढ़ा था पत्रिकाओं में मुझसे मुखातिब थे! क्या खुशनुमा दिन होगा! और पूछ रहे थे ममता जी यानी ममता कालिया के बारे में, जिनकी प्रसिद्धि…

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कहानी ‘मेला’ एक वैचारिक दृष्टिकोण

कहानी ‘मेला’ एक वैचारिक दृष्टिकोण साहित्य संसार की प्रतिष्ठित कथाकर, जो, केवल कहानियों में ही नहीं, नाटक, उपन्यास, कविता, निबंध, पत्रकारिता,लगभग साहित्य की अधिकांश विधाओं में अपना हस्तक्षेप रखतीं हैं और अपने लेखन के लिये अनेक साहित्य सम्मान से नवाज़ी गईं हैं। प्रबुद्ध, सरल -सहज, सौम्य, चेहरे पर,निर्बाध, निश्छल हँसी ऐसे दिखती है,जैसे पूस में…

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