कोरोना और सकारात्मकता
कोरोना और सकारात्मकता जीवन है तो सुख-दुःख, आशा-निराशा, ऊँच-नीच, जय-पराजय भी है. सुख-दुःख के घर्षण से ही ज्योति उत्पन्न होती है. जीवन संघर्षों का पर्याय है. कभी महारोगों-महामारी का संघर्ष तो कभी विचारों का, कभी आर्थिक तो कभी पारिवारिक संघर्ष झेलने होते हैं . प्रकृति का नियम है कि कोई भी स्थिति ज्यादा दिन नहीं…