कोरोना वाइरस से संघर्ष

कोरोना वायरस से संघर्ष संपूर्ण मानवता आज कोरोना वायरस नाम के बीमारी से खौफ में हैं,जिसे सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस -2 (SARS-CoV-2) का नाम दिया गया है, जिससे पिछले चार-पांच महीनों से कोविड-19 नाम की बीमारी हो रही है।चमगादड़ इन वायरस के प्राकृतिक पोषिता/स्रोत माने जाते हैं. कोविड- 19 को आम तौर पर…

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मजबूर मजदूर

मज़बूर मजदूर मैं स्वयं कृषक कन्या हूँ, मज़दूर और किसानो की स्थिति बहुत करीब से देखी हूँ और समझती हूँ,सभी मजदूरों की पीड़ा को मैं हृदय से महसूस करती हूँ और उनका बहुत सम्मान करती हूँ । इस कोरोना काल के संकट में सबसे भयावह और दिल दहला देने वाली स्थिति हमारे देश के मजदूरों…

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लॉकडाउन

लॉकडाउन कोरोना वैश्विक महामारी ने हम सब के जीवन को रोक सा दिया है । सब कुछ बंद है, आवागमन ,व्यापार , पर्यटन , उद्योग धन्धे , होटल रेस्टोरेंट , सिनेमा उद्योग , नौकरियां आदि । सब कुछ वर्क फ्रॉम होम हो गया है चाहे वह शिक्षा यो या सरकारी , प्राइवेट काम काज ।…

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लॉकडाउन और कोरोना- वारियर्स की चुनौतियां

लॉकडाउन और कोरोना- वारियर्स की चुनौतियां कोरोना वायरस का संक्रमण-काल स्वयं में एक स्थैतिक परिवर्तक (static variable) है, जिसके सापेक्ष ‘जनता’ और ‘कोरोना वारियर्स’ के संकटों और चुनौतियों को समझना मेरे इस लेख का मुद्दा है। मनुष्य को किसी भी तरह की यथास्थिति बहुत भाती है। हम अलग-अलग खेमों में चाहे जितने भी विरोध, प्रतिवाद…

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मजबूत भारत का मजबूर मजदूर

मजबूत भारत मे मजबूर मजदूर प्रत्येक नेता का एक चेहरा है, प्रत्येक पूंजीपति का भी एक चेहरा है। फ़िल्मी नायक नायिका तो हैं ही सिर्फ चेहरे। और तो और प्रत्येक मुल्क का भी एक चेहरा होता है। अब चेहरे हैं तो चेहरे का कोई भाव भी होगा। भाव मतलब भाव भंगिमा और भाव मतलब मूल्य।…

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हम तैयार हैं

हम तैयार हैँ सब ठीक ही चल रहा था बस छोटे मोटे उतार – चढ़ाव थे ज़िंदगी गुज़र रही थी कुछ लंबे , कुछ निकट पड़ाव थे कि अचानक सब जम सा गया जीवन का रेला कुछ थम सा गया सब ठिठक गये कुछ सिहर भी गये ये आखिर क्या हो रहा है पृथ्वी खुलकर…

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दुख के बादल

दुःख के बादल कोरोना काल चल रहा था।रीमा भी लॉकडाउन का बहुत अच्छी तरह से पालन कर रही थी। लॉकडाउन को चलते दो महीने हो चुके थे।रीमा ने बिल्कुल भी हार नहीं मानी थी।शुरु-शुरु में विचलित जरूर हुई थी,जब टेलीविजन मर मरने वालों को संख्या देखती थी। लॉकडाउन में रीमा ने वो सब काम किए…

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वन मोर लॉकडाउन

वन मोर लॉकडाउन युद्ध और महामारी, अकाल और भुखमरी ने हमें कई बार ऐसे स्तर पर ला खड़ा किया है जहां आकर इसके आगे जीवन का मतलब ही परिवर्तित हो जाता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और ऐसे समय में उसकी सामाजिकता ही विमुख हो जाती है। उसके सारे क्रिया कलाप एक एक कर…

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कोरोना बेचारगी और विडम्बनाएं

कोरोना बेचारगी और विडम्बनाएं कैसा खुलासा था हमारी बेचारगी का कि मिटाने के लिए स्थानीय श्रमिकों की भी भूख शुरू किया जा रहा था दुबारा भवन निर्माण जब तक इसकी चर्चा हो रही थी दूरस्थ भोपाल में ठीक था सब बहुत परेशान थीं शहर की एक अग्रणी कवयित्री अंतर राष्ट्रीय ख्याति की घूम रही थीं…

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लॉकडाउन और कोरोना वारियर्स की चुनौतियां

लॉकडाउन और कोरोना वारियर्स की चुनौतियां हम होंगे कामयाब,हम होंगे कामयाब एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास,हम होंगे कामयाब एक दिन आज पूरा विश्व कोरोना नामक प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है, और इस पर विजय पाने के लिए संघर्षरत देशों के लिए एक कठिन चुनौती बन गया है, चीन से निकल…

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