शक्ति रुपा चिंगारियाँ स्त्री
शक्ति रुपा चिंगारियाँ स्त्री धरणी पर सजे स्नेह मृदुता त्याग भक्ति जीवन की कामना ले आयी नारी स्त्री क्या-क्या लेकर आई धरापर नारी स्त्री तुम कहते पूजते हो भगवती माँ देवी है स्त्री देती नारी स्नेह समर्पण सर्वस्व है तुम्हें उदर पाले माता औ बने प्रेयसी संगीनी स्त्री हजार बलैंया निछावर होती वो नित हर…