करवा चौथ का चाँद आया
करवा चौथ का चाँद आया देख सखी दूर हुआ तमस मन कमल खिला उद्गार संग घिरी थी कालिमा चहुँ ओर नभ दमके सखी चाँद आया खिल रहा था चाँद हर माह निराशा भय का जैसा प्रहर अद्भुत ज्योति है हटा धुंध करवा चौथ का चाँद आया चाँदनी की ओढ़नी लहराते नयन खिले स्निग्ध मुस्कान अमृत…