सूर्य देव और छठी मैय्या

सूर्य देव और छठी मैय्या छठ मैया कौन-सी देवी हैं? सूर्य के साथ षष्‍ठी देवी की पूजा क्‍यों? सूर्य के साथ षष्‍ठी देवी की पूजा का खास महत्‍व क्‍यों है, विस्‍तार से जानिए। कई लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि छठ या सूर्यषष्‍ठी व्रत में सूर्य की पूजा की जाती है, तो…

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सूर्य और छठी मैय्या

सूर्य और छठी मैय्या छठ मैया कौन-सी देवी हैं? सूर्य के साथ षष्‍ठी देवी की पूजा क्‍यों? सूर्य के साथ षष्‍ठी देवी की पूजा का खास महत्‍व क्‍यों है, विस्‍तार से जानिए। कई लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि छठ या सूर्यषष्‍ठी व्रत में सूर्य की पूजा की जाती है, तो साथ-साथ…

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छठ की महिमा

छठ की महिमा जब विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता की स्त्रियां अपने सम्पूर्ण वैभव के साथ सज-धज कर अपने आँचल में फल ले कर निकलती हैं, तो लगता है जैसे संस्कृति स्वयं समय को चुनौती देती हुई कह रही हो, “देखो! तुम्हारे असँख्य झंझावातों को सहन करने के बाद भी हमारा वैभव कम नहीं हुआ…

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छठ सिखाता है – डूबना अन्त नहीं है

छठ सिखाता है – डूबना अन्त नहीं है छठ पूजा को महापर्व के नाम से अलंकृत किया जाता है। इसकी उपासना से आत्मिक उत्कर्ष के साथ परिवार के सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है।कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला महनीय पर्व है।सूर्योपासना के यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से बिहार…

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सूर्योपासना का महापर्व: लोकपर्व छठ

सूर्योपासना का महापर्व: लोकपर्व छठ आस्था की भावभूमि भारत, जहाँ संस्कृतियों की महानदी आकर एकाकार हो जाती है, जहाँ जीवन त्योहारों, लोकपर्वों, परंपराओं की रंगोली से सदैव सुशोभित होता रहता है, ऐसे’ विविधता में एकता ‘ वाले देश की अपनी विशिष्टता है- विविध प्रांतों की अपनी-अपनी क्षेत्रीय संस्कृति, उस संस्कृति के अनुरूप मनाए जाने वाले…

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राष्ट्र निर्माण में चित्रगुप्त-समाज का योगदान

राष्ट्र निर्माण में चित्रगुप्त-समाज का योगदान भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज कायस्थों के पूर्व पुरुष एवं कुल देवता हैं।(स्कंदपुराण) वह स्वर्ग में धर्मराज के दरबार के महालेखा अधिकारी हैं और प्राणियों के धर्माधर्म कार्यों का लेखा-जोखा रखते हैं। वे मेधा के अधिष्ठाता देवता हैं। उन्हें धर्मराजपुरी का न्यायाधीश कहा जाता है। वह धर्म को जानने…

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प्रकाशोत्सव

प्रकाशोत्सव ताल ठोक रहा तम का दानव लिए अँधेरा मन का दूर खड़ा मानव दिखावे के रोशनी सजती सबके घर – द्वारे मन का तम मिटा ना सका तू मानव, प्यारे ……….. ताल ठोक रहा ………. रात – रात पूरी चला मंज़िल ना पाया लौट बुद्धू घर को आया चला जिस डगर वह भी निकला…

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भाई दूज

भाई दूज पुराने हो गए शब्दों को पुराने हो गए दिन अब न जाने कब लौटेंगे बचपन के वे भाई दूज के दिन पाँच दिन की वह सुनमा गेहमी नन्हे कदमों की वह चहलकदमी पांच दिन के पांच गंध घर के हर कोने में मिठाई की खुशबू भैया राजा बनके राजा ख़ूब जमाये रौब अक्षत…

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यमुना का वरदान

यमुना का वरदान भ्रातृ द्वितीया , भाई दूज, भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया आदि विविध नाम प्रचलित थे। यह त्योहार कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।सनातन धर्म में इस त्योहार को भाई-बहन के लिए विशेष महत्वाकांक्षी माना जाता है।  यह पवित्र त्यौहार भाई-बहन के स्नेह को और भी…

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चलो एक दीप जलाएँ हम

चलो एक दीप जलाएँ हम कितनी नीरसता कितनी व्यग्रता से बीते पिछले कुछ महीने धरा पर जो छायी रही अमावस की रात सारी खुशियाँ, सारी तमन्नाएं अनबुझी सी खो चुकी थी अमावस की तिमिर रात में शायद अबकी अमावस की रात, आशा भरी खुशियों की जगमग जोत लेकर आयी है चलो इस दिपावली को अपने…

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