गीता जयंती

गीता जयंती गीता जयंती के शुभ अवसर पर आयोजित भगवत् गीता के श्लोकों का चिंतन-मनन यह एक सार्थक पहल है, यह उपक्रम सतत चलता रहे तो सभी को बौद्धिक और आध्यात्मिक लाभ होगा । आज मैं “अवतारवाद” पर अपनी अल्प बुद्धि से कुछ विचार व्यक्त कर करना चाहती हूं । अवतार का अर्थ स्वयं परमात्मा…

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श्रद्धांजलि

योग्यता का सम्मान अमीर गरीब शिक्षित अशिक्षित योग्य अयोग्य रोजगार बेरोजगार कर्मण्य अकर्मण्य शोषक शोषित शासक शासित स्वामी सेवक दो ही रूप विद्यमान हैं इस संसार में सदियों से इसी चक्र में समाज का हुआ विकास भी और कालक्रमानुसार विभक्त हो गया समाज कई टुकड़ों में उन्नत होते गई अज्ञानता से आत्याचार शोषण कुप्रथा संकीर्ण…

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लेखा जोखा 2020

लेखा जोखा 2020 साल 2020 अब बस कुछ ही घंटों का मेहमान है। ना मौसम बदलेगा, ना ही हवाएँ बदलेंगी – बस कैलेंडर की तारीखें बदल जाएगी। सरसों के पीले फूल, गेंदे के फूल, गुलदाबदी, डहलियाँ की सुंदर क्यारियाँ भी ज्यों कि त्यों रहेंगी। लेकिन साल बदल जाएगा। एक और साल चित्रगुप्त के मोटी बहीखाते…

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सुनो दिसम्बर

सुनो दिसम्बर सुनो दिसंबर, यह जो वक्त की गाड़ी तुम खींचकर यहाँ तक लाए हो बहुत भारी थी मजदूरों पर, मजबूरों पर कमजोरों पर, मजबूतों पर कितनों की कमर टूटी कितनों की संगत छूटी बेबस रहा हर एक लम्हा जीवन भी रहा कुछ थमा-थमा परेशान रहे हम सभी कैद रही हर चलती साँस पर इंतजार…

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सुबह, दोपहर और शाम

सुबह, दोपहर और शाम दिसम्बर का अंतिम सप्ताह भारत के उत्तरी भाग में सिहरन, ठिठुरन, धूप की गर्मी, कम्बल और रजाई के मखमली अहसास और आग की तपन का होता है। और इसी महीने में आता है क्रिसमस का रंगीन त्यौहार। बाकी भारतीय पर्वों की तरह इसके दिन और महीने नहीं बदलते – यह हमेशा…

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कोरोना के साथ एकवर्षीय यात्रा

कोरोना के साथ एकवर्षीय यात्रा 2020 का यह साल भी अपने अवसान की ओर है, पर ऐसा साल रहा यह जिसने पूरी दुनिया की ही रफ्तार को थामने की कोशिश की, बहुत हद तक सफल भी रहा यह। एक वायरस-नोवेल कोरोना, जो पूरी दुनिया को डर और संशय की गिरफ्त में बाँध लेता है, सामाजिक…

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काश यूँ भी कभी

काश….. यूँ भी कभी सोचती हूँ काश मैं भी सांता बन पाती । हर जीवन में प्रेम अमृत की गंगा मैं बहाती । रोतें बच्चों के आँखों से सारे आसूँ छीन लाती उनके कोमल अधरों पर गीत बन गुनगुनाती।। जीनव धूप में थके किसान पिता की चिंता मैं मिटाती धरती माँ की आँखों से दर्द…

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एक दिन का सांता

एक दिन का सांता एक ही दिन सही चाहे कुछ पल सांता बन किसी के चेहरे की मुस्कान बन जाइए।मैरी क्रिसमस इसके साथ यह बताना ज़रुरी की जिंदगी के इस कारवां में बहुत किस्से हैं आपके हमारे, याद हैं बच्चें दोनो ही छोटे थे,तब बड़े दिन की तैयारी शुरू हो जाती थी,बच्चे दोनो ही मनपसंद…

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त्योहारों में उल्लास

त्योहारों में उल्लास ढूंढना हो अगर त्योहारों मे तो उसका ध्येय ढ़ूंढ़िए उद्देश्य ढ़ूंढ़िए। उपहारों के बंद डब्बों मे लेने वाले की मुस्कान देनेवाले का अरमान ढ़ू़ंढ़िए। त्योहार धर्मों का नहीं उमंग और उल्लास का होता है, बड़ी कठिन डगर है इस जीवन की ये छोटे छोटे त्यौहारों के पड़ाव ना होंगे तो हम थक…

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क्रिसमस

क्रिसमिस (बाल कविता ) क्रिसमिस का आया त्योहार सेंटा लाया कई उपहार सबने मिलकर पेड़ सजाए रोशनी सबके मन को भाए दोस्त मेरे घर पर आए माँ ने केक-बिस्किट बनाए बड़े मज़े से हमने खाए पापा बनकर सेंटा आए कई सुंदर उपहार लाए क्रिसमिस का कोरल हम गाएँ सबके लिए करें दुआए क्रिसमिस का त्योहार…

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