साहित्य समाज का दर्पण
संप्रभु भारत में गणतंत्र दिवस
संप्रभु भारत में गणतंत्र दिवस प्रत्येक भारतीय के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण दिन हैं: १५ अगस्त को मनाए जाने वाला स्वतंत्रता दिवस और २६ जनवरी को मनाए जाना वाला गणतंत्र दिवस। दोनों के बीच बुनियादी अंतर यह है कि १५ अगस्त १९४७ को भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन १९५० में देश के संविधान को…
हम सुंदर दिखते हैं
हम सुंदर दिखते हैं ट्रिन ट्रिन ट्रिन… मेरी सुबह की शुरुआत ऐसी होती है। सुबह साढ़े छह बजे उठो, गैस पर चाय का पानी चढ़ाओ, उसके खौलने का इंतजार करो। परात में आटा निकालो, उसमें नमक मिलाओ और पानी डालो। फिर उसको धीरे-धीरे गूंथ डालो। चाय का पानी भभक रहा है। चाय की पत्ती डालो।…
क्या महिलाएँ जानती हैं अपने सुरक्षा कानून..?
क्या महिलाएँ जानती हैं अपने सुरक्षा कानून..? अजीब विडंबना है कि हमारे देश में जहां स्त्रियों को देवी का दर्जा दिया जाता है,वहीं स्त्रियों की सुरक्षा दिन प्रतिदिन खतरे में पड़ी दिखाई दे रही है। 21वीं सदी में जब महिलाएँ अपने अधिकारों को पाने की कोशिश में हैं और हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ…
किश्ती और तूफ़ान
किश्ती और तूफ़ान हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के , इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के | तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के , इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के | जैसे जैसे एक और गणतंत्र दिवस निकट आता जा रहा है, मेरी स्मृति के पटल पर…
भारतीय गणतंत्र का मूल्यांकन
भारतीय गणतंत्र का मूल्यांकन कोविड-19 से उपजी समस्याओं और दुश्चिंताओं के बीच देश 72वां गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी में है।धर्मनिरपेक्ष ,समाजवादी और लोकतान्त्रिक गणराज्य भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसी उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष राष्ट्रपति द्वारा दिल्ली के राजपथ पर राष्ट्र-ध्वजारोहण किया जाता है।सभी भारतीय नागरिकों द्वारा यह…
क्षमायाचना
क्षमायाचना हे नेता सुभाष बोस जी-तुम्हे शत शत नमन्न हमारा है। गुनाहगार ये है देश आपका-जिसने यूं मौन को धारा है।। तेरे क्रान्ति के जज़्बे को-और हम तेरे साहस को भूल गए। हम तो उन्हे भी भूले हैं-जो हंस हंसकर फांसी झूल गए।। आज़ादी के दिवानों का-नही हमने है कोई प्रतिकार किया। प्रतिकार तो क्या…
रुदाली-गुलाबो
“रुदाली-गुलाबो” रुदाली अपने समय की चर्चित फिल्म रही है। फिल्म देखने वालों को पता है कि राजस्थान में रुदाली उन महिलाओं को कहा जाता है जो रईस लोगों के मरने पर रोने का स्वांग करती हैं। जो जितना बड़ा स्वांग रच सके वह उतनी बड़ी रुदाली , और जिसके न रहने पर रोने का स्वांग…
मातृभाषा और बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा में भारतीय भाषाओं का महत्व
मातृभाषा और बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा में भारतीय भाषाओं का महत्व-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में किसी व्यक्ति के जीवन में उसकी मातृभाषा के महत्व की सबसे अच्छी और सटीक तुलना करने के लिए माँ के दूध से बेहतर कुछ नहीं। जैसे जन्म के एक या दो वर्ष तक बच्चे के शारीरिक और भावनात्मक…
लड़ाई अस्तित्व की
लड़ाई अस्तित्व की भारत एक अनूठा देश है जहाँ अभी भी लड़कों के जन्म पर बधाईयाँ दी जाती हैं और लड़कियों के जन्म पर मातम मनाया जाता है। जन्म से ही अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ती हुई लड़कियाँ अपने हिस्से की जमीन और आसमान को तलाशती रहती हैं। भारतीय संविधान जो कि 1950 से लागू…