मैं बसंत हो जाती हूँ…
मैं बसंत हो जाती हूँ… ओ मेरे बसंत जब तुम आते हो दिल को लुभाने वाली पवन बहाते हो और मैं मस्तमौला हो सारी चिंताओं को विस्मृत कर निडरता से जिधर रुख कर जाना चाहती हूं उधर चली जाती हूँ क्योंकि मन बसंत हो जाता है बसंत होना तुम जानते हो न खुशी का,उमंग का,उत्साह…