सा, रे गा, मा, प…….
सा, रे गा, मा, प……. “गृहस्वामिनी” की संपादिका का आग्रह था कि “महिला दिवस” और उनकी पत्रिका के “महिला विशेषांक” के लिए हम उनको नामित करें जो कि हमें प्रेरित करती हैं, जो कि हरेक परिस्थितियों से जुझारू होकर जीना जानती है। आसपास देखा तो लगा कि हर महिला ही इस सम्मान की अधिकारी है।…