![समा जाये तेरे हर गुण मुझ में](https://www.grihaswamini.com/wp-content/uploads/2021/05/CYMERA_20210510_223546.jpg)
समा जाये तेरे हर गुण मुझ में
समा जाये तेरे हर गुण मुझ में माँ जीवन का सार हो तुम मेरी ताल लय मीठी धुन हो मेरी तेरे जैसे बनना है, सदा रहूँ कदमों में तेरी। सदा नयन में बसती हो मेरी हृदय में विराजती मेरी जीवन से और कोई चाहत नहीं परछाई बनना है तेरी। हो धरा सी क्षमाशीला जानकी सदृश…